अजहर मसूद के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि बातें बहुत बार हो चुकी है और बातें बहुत बार उठ चुकी हैं। हमने साफ कह रखा है कि बातचीत और आतंक साथ नहीं चल सकते हैं। हम आतंकमुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ जुड़ने के लिए तैयार हैं। आप करिए, वो माहौल बनाइए। आप कहते हैं कि आप शांति चाहते हैं, आप बातचीत चाहते हैं। आप आतंक पर बात करना चाहते हैं।

आपका आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद हमारे यहां पुलवामा में आकर 40 बहादुर जवानों की हत्या कर देता है और मिनटों के अंदर वो जिम्मेदारी भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि आपके विदेश मंत्री कहते हैं कि वो मसूद अजहर पाकिस्तान में है। मेरी सूचना के मुताबिक वो बीमार है और इतना बीमार है कि घर के बाहर नहीं निकल सकता।

आपकी आर्मी के प्रवक्ता कहते हैं कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं है। ओसामा बिन लादेन भी आपके यहां से नहीं था और कसाब भी आपके यहां से नहीं था। हर बार आप अपने आतंकवादी को लेने से मना करते हैं। आतंकवादी वहीं मिल रहे हैं। पाकिस्तान कितना झूठ बोलता है और कब तक बोलते रहोगे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से सामान्य रिश्ते हो सकते हैं लेकिन शर्त ये है कि अपने आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। अपनी धरती से पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी को शह बंद करो। इस पर ही सामान्य रिश्तों की शुरुआत हो सकती हैं।

उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि क्यों अतंरराष्ट्रीय समुदाय को बहका रहे हो। हमने कहा कि जैश ने हमले की जिम्मेदारी ली है लेकिन दस दिनों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए एयर स्ट्राइक की गई लेकिन हमने ये सुनिश्चित किया कि कोई भी आम नागरिक मरना नहीं चाहिए। कोई भी सेना का जवान घायल नहीं होना चाहिए। सीमित लक्ष्य के साथ हमारी एयरफोर्स गई और उसने पुलवामा की जिम्मेदारी लेने वाले जैश को नुकसान पहुंचाया। हमारी कार्रवाई में एक भी सेना का जवान और नागरिक आहत नहीं हुआ।

उन्होंने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को नसीहत देते हुए कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इमरान खान एक राजनेता हैं, अगर वह इतने उदार हैं तो उन्हें जैश प्रमुख मसूद अजहर को भारत को सौंप देना चाहिए। आइए देखते हैं कि वे कितने उदार हैं।