Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज की CM अरविंद केजरीवाल की अर्जी
नई दिल्ली. दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने सीएम केजरीवाल के उस आवेदन पर गौर करने से इनकार कर दिया,
जिसमें आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने अंतरिम जमानत अवधि को 7 दिन के लिए बढ़ाने की मांग की थी. अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने वाली याचिका को तत्काल लिस्ट करने का आग्रह किया था.
शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने उनके आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया. अब सवाल उठता है कि रजिस्ट्री ने किस आधार पर अरविंद केजरीवाल की अर्जी को खारिज कर दिया?
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग को खारिज कर दिया. रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला दिया,
जिसमें उनकी अंतरिम जमानत को 1 जून तक के लिए सीमित कर दिया गया है. साथ ही उन्हें नियमित जमानत के लिए निचली अदालत जाने की स्वतंत्रता दी थी. अर्जी स्वीकार करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है, इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने वाली अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी गइ है,
इसलिए यह अर्जी विचार योग्य नहीं है. अब सीएम अरविंद केजरीवाल को अब 2 जून को सरेंडर करना होगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ जांच कराने के लिए अतिरिक्त मोहलत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के इस फैसले को अरविंद केजरीवाल के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है.