सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की वसीम रिज़वी की याचिका। जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मिया ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत ।।
प्रेस विज्ञप्ति
दरगाह आला हज़रत/ताजुश्शरिया
बरेली ।।
12-04-2021
सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की वसीम रिज़वी की याचिका। जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मिया ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत ।।
वसीम रिज़वी ने क़ुरआन शरीफ़ से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी जिसको सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस फली नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने इसकी याचिका को ख़ारिज कर दिया और इस पर 50 हज़ार का जुर्माना लगाया और आगे इस तरह की कोई असंवैधानिक याचिका डालने के सम्बन्ध में फटकार भी लगायी। दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने बताया कि वसीम रिज़वी ने क़ुरआन शरीफ़ से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिससे मुस्लिमों की भावनाओं आहत हुई और लोगों में ग़म व ग़ुस्से का माहोल पैदा हो गया था। क़ुरआन शरीफ़ एकता का संदेश देता है । वसीम रिज़वी का यह कहना कि इनके सहारे मदरसों में बच्चों को आतंकवाद के लिए प्रेरित किया जाता है, जो ग़लत है। वसीम रिज़वी का दिमाग़ी संतुलन दुरुस्त नहीं है। वो अक्सर ऐसे बयानों को लेकर सुर्खियों में बना रहना चाहता है। विवादित बयान देना उसका शौक बन गया है। क़ुरआन अल्लाह की किताब है जिसमें बदलाव की ज़रा भी गुंजाइश नहीं है। वसीम रिज़वी की हरकत कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी उसने कईं बार इस्लाम के ख़िलाफ़ ऐसी हरकतें की हैं। दुनिया भर की किताबों में बदलाव हुआ है लेकिन क़ुरआन मजीद में एक शब्द का भी बदलाव नहीं हुआ यही इसके सच्चे होने का सबूत है। स्पष्ट रूप से क़ुरआन में लिखा गया है कि क़ुरआन अल्लाह की किताब है और इसका रक्षक ख़ुद अल्लाह ही है। इसलिए, इसका एक भी शब्द इधर उधर नहीं किया जा सकता है। वसीम रिज़वी के इस बयान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में डाली गयी याचिका के ख़िलाफ़ जमात रज़ा ए मुस्तफा की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट के वकील इंदिरा जय सिंह, तौसीफ़ अहमद व रिज़वान मर्चेंट ने पैरवी की और आज सुप्रीम कोर्ट ने इसकी याचिका ख़ारिज कर इस पर 50 हज़ार का जुर्माना लगाया। जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने माननीय सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया और कहा कि इस विवादित याचिका को संज्ञान में लेते हुए फैसले को नज़ीर बनाया। प्रेस को जानकारी जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने दी ।।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !