STF-अन्तर्राष्ट्रीय ‘आनलाइन फ्राड’ एवं ‘क्रिप्टो करेन्सी’ के जरिये विदेश पैसा भेजने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार व 16 ए0टी0एम0 बरामद।

*स्पेशल टास्क फोर्स,उत्तर प्रदेश,लखनऊ।*

नोट संख्याः 322, दिनांकः 02-11-2019

*अन्तर्राष्ट्रीय ‘आनलाइन फ्राड’ एवं ‘क्रिप्टो करेन्सी’ के जरिये विदेश पैसा भेजने वाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार व 16 ए0टी0एम0 बरामद।*

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘आनलाइन साइबर फ्राड’ करने वाले एवं बिटक्वाइन के जरिये विदेशों में पैसा भेजने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे विभिन्न बैंको के 16 एटीएम बरामद करने मे एसटीएफ उ0प्र0 को उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-

1. राकेष कुमार सिंह उर्फ पिन्टू ठाकुर पुत्र सिया सरण सिंह निवासी ग्राम नेथुवा थाना मडौरा जनपद छपरा बिहार हाल पता म0नं0 सी-475, शान्ति वाटिका मजिस्ट्रेट कालोनी, आषियाना, पटना बिहार।

2. बिट्टू यादव पुत्र अमर चैधरी नि0 ग्राम रूपन चक, थाना हथुआ, जनपद गोपालगंज, बिहार।

3. प्रदीप देव पुत्र स्व श्रीराम शाह नि0 ग्राम मानिकपुर थाना नगर जनपद गोपालगंज बिहार हा0 पता वृन्दावन गार्डेन, आशियाना दीघा रोड, रामनगरी, पटना, बिहार।

बरामदगीः-

1. 16 अदद एटीम विभिन्न बैको के

2. 2 अदद आधार कार्ड

3. 2 अदद पैन कार्ड

4. 21300 रूपये नगद

5. 1 अदद डीएल

विगत कुछ माह से एस0टी0एफ0 उ0प्र0 लखनऊ को विभिन्न स्रोतों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि ‘फेसबुक’ एवं अन्य ‘सोशल साइट’ के ‘जाब पोर्टल’ पर विदेषो मे नौकरी देने के लिए विज्ञापन निकालकर विदेशों में रहने वालों तथा भारत मे रहने वालों से ठगी कर उनसे विभिन्न बैंकों में खुले खातों में रकम जमा कर उनको निकाल लेना तथा धोखाधड़ी करने के उददेष्य से फेसबुक पर फर्जी जाब पोर्टल बनाकर, उसके ‘बिटक्वाइन वालेट’ में एजेन्ट के माध्यम से बिटक्वाइन के रूप में पैसा भिजवाते हैंे।

इस सम्बन्ध में सूचना एकत्र कर कार्यवाही करने हेतु श्री राजीव नारायण मिश्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक श्री सत्यसेन यादव एवं श्री विनोद कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ0 फील्ड इकई वाराणसी/गोरखपुर को निर्देषित किया गया, जिनके निर्देषन में एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई गोरखपुर द्धारा एस0टी0एफ0 के संसाधनो का प्रयोग करते हुये एवं धरातलीय स्तर पर जरिये मुखबिर अभिसूचना संकलन कर कार्यवाही की जा रही थी कि अभिसूचना प्राप्त हुई कि इस तरह के अपराध करने वाले गैग के कुछ सदस्यो का आवागमन जनपद कुषीनगर से जनपद लखनऊ तक हो रहा है।

इसी क्रम मे दिंनांक 02.11.2019 को समय 14.30 बजे मुखबिर खास की सूचना पर कमता तिराहा जनपद लखनऊ से सोशल साइट के विज्ञापनों के माध्यम से ‘साइबर फ्राड’ करने वाले गिरोह के 3 सदस्य नाम पता उपरोक्त को आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर उपरोक्त बरामदगी की गयी।

पूछताछ में राकेष कुमार सिंह उर्फ पिन्टू ने बताया कि हम लोग ठगी एवं साईबर अपराध करते हंैं। बताया कि ‘इण्टरनेट’ और ‘फेसबुक’ पर बहुत सारे विदेशों में नौकरी हेतु फर्जी ‘जाब पोर्टल’ भी रहते हैं। उस ‘पोर्टल’ पर जो मोबाइल नम्बर इंगित रहते हैं वह नम्बर विदेष मे बैठे फर्जी जाब पोर्टल चलाने वाले व्यक्तियों के होते है, जिसे साइबर अपराध की भाषा में ‘स्कैमर’ के नाम से पुकारते हैं। विदेषों मे नौकरी पाने के इच्छुक लोग जाब पोर्टल पर ईंगित स्कैमर के नम्बरों पर ‘व्हाट्स-अप चेट’ के माध्यम से सम्पर्क में आ जाते हैं। पूछताछ पर यह भी बताया कि भारत में बैठा व्यक्ति, जिसे साइबर अपराध की भाषा में ‘पिकर’ के नाम से पुकारते हैं, भारत में विभिन्न बैंकों के खातों की व्यवस्था करता है, जिसमें नौकरी पाने के इच्छुक व्यक्तियों से बड़ी धनराषि जमा करायी जा सके। ‘पिकर’ के पास बहुत सारे बैंक एकाउन्ट होते है, जिनको वह विभिन्न व्यक्तियों से सम्पर्क कर अल्प धनराषि का भुगतान कर उनके नाम से खाते खुलवाता है। भारत में बैठा यह ‘पिकर’ लगातार विदेष में बैठे ‘स्कैमर’ से सम्पर्क में रहता है। खाता खुलवाने के बाद वह पासबुक व ए0टी0एम0 अपने पास रख लेता है। ‘स्कैमर’ नौकरी तलाष रहे व्यक्तियों से ‘पिकर’ द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे खातों में घोखाधड़ी करते हुए नौकरी पाने के इच्छुक व्यक्यिों से बड़ी धनराषि जमा करा देता है। ‘पिकर’, भारत में बैठे व्यक्ति के खाते में पैसा आने के बाद अपना कमीशन काट कर बाकी रकम ‘बिटक्वाइन वेण्डर’ को दे देता है। ‘बिटक्वाइन वेण्डर’ विदेष में बैठे व्यक्ति ‘स्कैमर’ के ‘बिटक्वाइन वालेट’ में ‘बिट क्वाइन’ के रूप में यह पैसा जमा कर देता है। पूछताछ पर मुरादाबाद का रहने वाला एक ‘बिटक्वाइन वेन्डर’ ज्ञात हुआ है, जो ‘पिकर’ द्वारा उपलब्ध करायी गयी धनराषि को अपना शुल्क काटने के उपरान्त ‘बिटक्वाइन’ में कनवर्ट कर ‘स्कैमर’ को उपलब्ध करा देता है। यह भी बताया कि विभिन्न खाता धारक, जिनके खातों में देष-विदेषों से नौकरी लगाये जाने के एवज में घनराषि जमा करायी जाती है, को जमा करायी गयी धनराषि का 12 प्रतिषत दिया जाता है तथा 13 प्रतिषत उसके द्वारा ले लिया जाता है। यह भी बताया कि जब पीडित व्यक्ति दोबारा सम्पर्क करना चाहता है तो तब ‘स्कैमर’ से उसका सम्पर्क नही हो पाता है। सामान्यतया ‘स्कैमर’ कैमरून, यूरोप, यूएसए आदि देषो के होते है।

छानबीन पर विदित हुआ कि ‘पिकर’ द्वारा उपलब्ध कराये गये विभिन्न खातों में भारत के विभिन्न प्रदेषों के अतिरिक्त आस्ट्रेलिया, युरोपीय देषों व दुबई आदि देषों से पैसा नौकरी पाने के उददेष्य से जमा किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त राकेष के पास से विभिन्न स्कैमर भारत एवं भारत के बाहर के अन्य राष्ट्रो के लोगो को ठगता है। उसके पास एक खातों के विवरण एवं ‘‘बिटक्वाइन’ से धनराषि ‘‘स्कैमर’ को भेजने का विवरण प्राप्त हुआ है।

गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना चिनहट जनपद लखनऊ में मु0अ0सं0 1088/2019 धारा 419/420/467/468/469/471/120बी भादवि व 66सी व 66डी आई0टी0 एक्ट का अभियोग पंजीकृत कर अग्रेतर कार्यवाही लखनऊ द्वारा की जा रही है।

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