STF: डिजिटल अरेस्ट साइबर फ्रॉड में अरेस्ट
Digital Arrest स्कैम: पुलिस/नारकोटिक्स अधिकारी बनकर 95 लाख की ठगी, UP STF ने साइबर फ्रॉड गिरोह के सदस्य को लखनऊ से दबोचा
लखनऊ साइबर क्राइम: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने एक बड़े संगठित साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो खुद को पुलिस, नारकोटिक्स या क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ (Digital Arrest) करने का डर दिखाकर वसूली करता था।
एसटीएफ ने इस गिरोह के एक सक्रिय सदस्य प्रदीप सोनी को लखनऊ के गोमती नगर विस्तार से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने अप्रैल 2025 में लखनऊ के एक डॉक्टर से इसी तरीके से 95 लाख रुपये की ठगी की थी।
फिनिक्स प्लासियो मॉल के पीछे से गिरफ्तारी
एसटीएफ को फर्जी अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की लगातार सूचना मिल रही थी। पुख्ता जानकारी मिलने पर, एसटीएफ टीम ने 4 दिसंबर 2025 को लखनऊ में दबिश दी।
- गिरफ्तार अभियुक्त: प्रदीप सोनी पुत्र मुन्ना लाल सोनी (उम्र 40 वर्ष)
- निवासी: विदिशा, मध्यप्रदेश।
- गिरफ्तारी स्थान: फिनिक्स प्लासियो मॉल के पीछे, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ।
- दिनांक व समय: 04-12-2025, शाम 05:30 बजे।
‘डिजिटल अरेस्ट’ का इस्तेमाल कर ठगी का तरीका
पूछताछ में अभियुक्त प्रदीप सोनी ने इस साइबर फ्रॉड के शातिर तरीके का खुलासा किया। गिरोह के सदस्य छद्म नामों (जैसे प्रदीप ‘मनोहर’ या ‘संजू’) का उपयोग करते थे।
- टारगेट: ये गिरोह उन लोगों को निशाना बनाते थे, जो अक्सर पुलिस या सरकारी जांच एजेंसियों के नाम से डरते हैं।
- धमकी: अपराधी पीड़ित को वीडियो कॉल या कूटरचित दस्तावेज़ (फर्जी नोटिस) भेजकर धमकाते थे कि उन्हें नारकोटिक्स या मनी लॉन्ड्रिंग के किसी मामले में ‘डिजिटल रूप से गिरफ्तार’ किया गया है।
- वसूली: गिरफ्तारी से बचने के लिए, पीड़ित से तुरंत ‘सेटलमेंट’ के नाम पर लाखों रुपये की मांग की जाती थी, जिसे वे विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवाते थे।
- तकनीकी मोडुस ऑपरेंडी: गिरोह एपीके फाइल लगाने, पैनल चलाने, और वसूले गए रुपयों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर वॉलेट में भेजने जैसे तकनीकी कार्य करता था।
लखनऊ के डॉक्टर से 95 लाख की वसूली
अभियुक्त प्रदीप सोनी ने बताया कि वह रोहित उर्फ बिट्टू के सक्रिय संपर्क में था। इस गिरोह ने अप्रैल 2025 में लखनऊ के डॉ. बी.एन. सिंह को इसी ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए फँसाया और उनसे 95 लाख रुपये अवैध तरीके से वसूले। इस राशि को गिरोह के सदस्यों ने बैंक खातों, एटीएम कैश और क्रिप्टो वॉलेट के माध्यम से आपस में बाँट लिया था।
बरामदगी: एसटीएफ ने अभियुक्त के पास से 02 मोबाइल फोन, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, ब्लैंक चेक, एटीएम कार्ड और 10 स्क्रीनशॉट (साइबर क्राइम में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों और जानकारी से संबंधित) बरामद किए हैं।
एसटीएफ अब गिरोह के अन्य सदस्यों (जैसे रोहित उर्फ बिट्टू) और तकनीकी रूप से सक्रिय सदस्यों की तलाश कर रही है।
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