हरदोई के टोडरपुर प्राथमिक विद्यालय देवरास में बिना सूचना के दो वर्ष से शिक्षामित्र

आपको बता दें हरदोई जनपद के टोडरपुर ब्लाक के अंतर्गत यह पाया गया कि  शिक्षा विभाग में अध्यापक जिन्हें गुरु का दर्जा दिया गया जिसमे से कुछ  लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं
ऐसा ही मामला टोडरपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय देव रास का है जहां पर संवाददाता द्वारा आज निरीक्षण किया गया जिसमें सुबह के 9:00 बज कर 50 मिनट पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक राम प्रकाश तिवारी मौजूद थे और शिक्षामित्र अजय कुमार अनुपस्थित मिले और इसी विद्यालय की शिक्षामित्र मिथिलेश कुमारी जुलाई 2018 से अब तक विद्यालय में लगातार अनुपस्थित हैं
जब संवाददाता के द्वारा अध्यापक उपस्थित पंजिका में देखा गया तो वर्ष 2018 से आज 10 नवंबर 2020 तक अनुपस्थित मिली  अब सोचने की बात  हैं कि जब इस संबंध में प्रधानाध्यापक तिवारी से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने लिखित रूप से संकुल प्रभारी और खंड शिक्षा अधिकारी महोदय को प्रार्थना-पत्र दे चुके हैं और यह भी बताया कि शिक्षामित्र मिथिलेश कुमारी बिना सूचना के अभी तक उपरोक्त विद्यालय में शिक्षण कार्य में नहीं आ रही है जोकि एक अनुशासन की श्रेणी में आता है
उन्होंने यह भी बताया की इनकी ससुराल टोडरपुर ब्लाक के किसी गांव में है और वर्तमान में या हरदोई में रहती है प्रधानाध्यापक ने जो भी लिखित शिकायत की वह संवाददाता को उपलब्ध कराई और उसी विद्यालय के शिक्षामित्र अजय कुमार अनुपस्थित मिले
प्रधानाध्यापक ने बताया आज अभी तक नहीं आए हैं लेकिन अध्यापक उपस्थित पंजिका में वह 2 दिनों से विद्यालय नहीं आए क्योंकि उनके हस्ताक्षर उस पंजिका पर मौजूद नहीं थे ऐसे में यह प्रतीत होता है कि टीचर 2 , 2 दिनो के  बाद  स्कूल आने के बाद अपने हस्ताचर कर लेता है इसके  बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय पारा का निरीक्षण किया जिसमें 9:00 बज कर 35 मिनट पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मौजूद मिले और विद्यालय की अनुदेशिका अलका गुप्ता  विद्यालय में अनुपस्थित मिली विद्यालय प्रधानाध्यापक में अपने मोबाइल से कई बार फोन लगाया लेकिन उनका फोन उठा नहीं लेकिन सोचने वाली बात या है कि प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग पर बहुत ज्यादा जोर दे रही हैं इसके अलावा अध्यापक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं उन्हें न तो अधिकारियों को डर लगता है न तो बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हैं इस समय तो कोरोनावायरस जैसी महामारी के चलते विद्यालय में बच्चे नहीं जा रहे हैं फिर भी अध्यापकों को समय से विद्यालय पहुंचने के सख्त निर्देश हैं
शिक्षा विभाग में ऐसी घोर लापरवाही के चलते अध्यापकों को इसीलिए किसी का डर नहीं है इतना ज्यादा वेतन पाने के बावजूद विद्यालय के साथ और बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ऐसे लापरवाह अध्यापकों के खिलाफ सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती जहां एक शिक्षक दो 2 साल से विद्यालय नहीं जा रहा है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई  इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अभी तक उस शिक्षामित्र को बर्खास्त करने का लेटर क्यों नहीं प्राप्त हुआ जी हां अगर कोई कार्यवाही हुई है तो अध्यापक रजिस्टर पर हर महीने हर साल उस शिक्षामित्र का नाम क्यों चढ़ाया जाता हैं जबकि प्रधानाध्यापक बार-बार लिखित रूप से उच्च अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं फिर भी अधिकारी उस शिक्षामित्र के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों कतरा रहे हैं इसका तो कोई खास कारण ही होगा जब इस संबंध में खबर लिखने से पहले मेरे द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी टोडरपुर से वार्ता करनी चाहिए तो उनका मोबाइल नॉट स्विच ऑफ बता रहा था
लखनऊ से ब्यूरो चीफ राघवेंद्र सिंह(राजू शर्मा) की रिपोर्ट !

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