Reliance Infra: ED ने FEMA में खाते सीज किए

💥 ब्रेकिंग: ED का बड़ा एक्शन, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के ₹54.82 करोड़ जब्त; NHAI फंड डायवर्जन का आरोप

  • एक्शन: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance Infrastructure Ltd.) के 13 बैंक खाते जब्त किए।

  • जब्त राशि: फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत ₹54.82 करोड़ की राशि जब्त।

  • आरोप: कंपनी पर NHAI द्वारा आवंटित हाइवे निर्माण परियोजनाओं के सार्वजनिक फंड को डायवर्ट करने का आरोप।

  • रणनीति: ‘शैम सब-कॉन्ट्रैक्टिंग’ के बहाने मुंबई की शेल कंपनियों के माध्यम से फंड निकाला गया।

  • फंड रूट: यह पैसा भारत से UAE में बिना किसी सामान या दस्तावेज़ के, पॉलिश किए गए हीरे के आयात के नाम पर भेजा गया।

  • गंभीर परिणाम: फंड डायवर्जन के कारण SPVs में वित्तीय संकट, जिससे बैंक ऋण NPA में बदल गए और सार्वजनिक वित्तीय हितों को नुकसान हुआ।


🚨 ₹600 करोड़ से अधिक के इंटरनेशनल हवाला में शामिल शेल कंपनियों का जाल

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विशेष कार्य बल (Special Task Force) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (R-Infra) के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA), 1999 के तहत कार्रवाई की है। ED ने कंपनी के 13 बैंक खातों में जमा ₹54.82 करोड़ की राशि जब्त कर ली है।

ED की जांच में यह खुलासा हुआ है कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपनी स्पेशल पर्पस व्हीकल्स (SPVs) का उपयोग करते हुए, NHAI द्वारा आवंटित हाइवे निर्माण परियोजनाओं के सार्वजनिक फंड को डायवर्ट किया।

💎 हीरों के आयात की आड़ में UAE भेजा गया पैसा

जांच में पता चला कि यह फंड फर्जी सब-कॉन्ट्रैक्टिंग व्यवस्थाओं की आड़ में मुंबई में स्थापित शेल कंपनियों (Shell Companies) को भेजा गया। इन शेल एंटिटीज को विशिष्ट बैंक शाखाओं में डमी निदेशकों का उपयोग करके समन्वित तरीके से स्थापित किया गया था।

यह पैसा बाद में अन्य शेल संस्थाओं के एक नेटवर्क के माध्यम से UAE में भेजा गया। यह ट्रांसफर बिना किसी वास्तविक सामान या दस्तावेज़ीकरण के, पॉलिश किए गए और बिना पॉलिश किए गए हीरों के आयात के नाम पर किया गया।

⚠️ बैंक लोन NPA में बदले, सार्वजनिक हित खतरे में

ED ने पाया कि जिन UAE संस्थाओं को फंड भेजा गया था, वे अवैध अंतरराष्ट्रीय हवाला में शामिल व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित थीं। ये शेल संस्थाएं ₹600 करोड़ से अधिक के अंतर्राष्ट्रीय हवाला लेनदेन में शामिल पाई गई हैं।

फंड डायवर्जन के इस गंभीर कृत्य ने प्रभावित SPVs में गंभीर वित्तीय संकट पैदा किया, जिसके कारण बैंकों द्वारा दिए गए ऋण गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) में बदल गए। इस वजह से कर्जदाताओं को भारी नुकसान हुआ और सार्वजनिक वित्तीय हित खतरे में पड़ गए।

ED ने कहा है कि मामले में आगे की जांच जारी है।


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