300 मांझा मज़दूरों को अवैध रूप से हटवाने का विरोध !
पतंग मांझा के कारीगर करीब 25 वर्ष से कल्लू मियाँ के तकिया पर स्थित खाली पड़ी जगह पर करीब 300 मज़दूर लकड़ी गाड़ कर पतंग का मांझा तैयार करते हैं ।
सुबह 6 : 00 बजे से दोपहर 2 : 00 बजे तक मांझा तैयार करके बाजार में बेच देते हैं । जिससे हम मज़दूरों के करीब 1500 लोगों की जीविका चलती है । मज़दूरों का तकिया की खाली पड़ी जगह पर ना तो स्थायी कब्जा है और ना ही कब्जा करने की नीयत रखते हैं । हम सब मज़दूरों से जुड़े अपनी पत्नी बच्चों का पालन – पोषण का जरिया केवल उपरोक्त स्थल पर मांझा बना कर विक्रय करना ह बाजार में चल रही वेतहाशा मंदी के दौर में मुश्किल से मांझे से हुई आय से गुजारा होता है परन्तु कुछ दबंग लोग हम गरीबों का यह सहारा . भी छीनने में लगे हैं और दिनांक 24 . 09 . 2019 को बाकरगंज चौकी के दरोगा व सिपाही मज़दूरों के अड्डे तकिया पर आये और कहा कि ए०सी०एम० द्वितीय ने आदेश दिया है कि यहाँ कोई मज़दूर मांझा नहीं बनायेगा और जबरिया मांझा बनाने का कार्य रूकवा दिया । गरीब मज़दूरों को कल्लू मियाँ की तकिया वाली खाली जगह पर मांझा बना कर परिवार के गुज़र – बसर करने की अनुमति मांगी !