अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैविक वस्त्रों और प्राकृतिक के रूप से रंगाए गए परिधानों को बढ़ावा
सरकार ने जैविक वस्त्रों और प्राकृतिक रूप से रंगाए गए परिधानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पहल की हैं:
- राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार ‘मेगा क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ और ‘आवश्यकता आधारित विशेष अवसंरचना परियोजनाओं’ के माध्यम से प्राकृतिक/वनस्पति रंगों को बढ़ावा देने तथा राज्य सरकारों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर डाई हाउस की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
- वस्त्र मंत्रालय ने अनुसंधान एवं विकास योजना के अंतर्गत प्राकृतिक रंगों से संबंधित 3 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
- वस्त्र मंत्रालय ने शून्य दोष और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले उच्च गुणवत्ता के हथकरघा उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए इंडिया हैंडलूम ब्रांड (आईएचबी) पहल शुरू की है। इसके तहत, वस्त्र मंत्रालय के अधीन काम करने वाली वस्त्र समिति, प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने वाले उत्पादों का पंजीकरण करती है और उनके विपणन में मदद करती है।
- कृषि मूल्य श्रृंखला में स्थिरता लाने और मूल्य संवर्धन पर मंत्रालय द्वारा संचालित परियोजना, भारत में जैविक कपास की आपूर्ति बढ़ाने पर केंद्रित है और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों के साथ बाजार संपर्क को भी सुगम बनाती है।
- आईसीएआर-सीआईसीआर ने कई सहयोगात्मक पहल की हैं जिनमें जैविक कपास उत्पादन प्रणालियों का विकास, व्यावसायिक खेती के लिए प्राकृतिक रूप से रंगीन कपास की बीजों को जारी करना तथा जैविक-प्राकृतिक रूप से रंगीन कपास के उत्पादन को बढ़ाना शामिल हैं।
- भारत टेक्स 2025 में जागरूकता पैदा करने और उनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक रंगों के साथ-साथ दूधिया घास, कपास आदि सहित जैविक रेशों का प्रदर्शन किया गया।
वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल