PIB : नागपुर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क में वाणिज्यिक परिचालन शुरू

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पीएम गति शक्ति पहल के अंतर्गत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में वर्धा के पास सिंदी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क लिमिटेड, नागपुर (एमएमएलपी नागपुर) ने तेज़ संपर्क स्थापित करने के लक्ष्य के साथ अपना वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया।

पीएम गति शक्ति पहल का उद्देश्य परिवहन के विभिन्न साधनों में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध और कुशल मार्ग संपर्क सुविधा प्रदान करना है, जिससे अंतिम छोर तक संपर्क बढ़े और यात्रा का समय कम हो।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी, राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) द्वारा स्थापित एमएमएलपी नागपुर को 28 अप्रैल को फारुखनगर से 123 मारुति कारों की पहली रेक प्राप्त हुई जो इसकी एक बड़ी उपलब्धि है।

एनएचएलएमएल ने 45 वर्ष की रियायत अवधि के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत तीन चरणों में 150 एकड़ क्षेत्र में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के लिए एक निजी डेवलपर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसकी अनुमानित लागत 673 करोड़ रुपए है। चरण-1 को 137 करोड़ रुपए के निवेश से विकसित किया जाएगा।

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के बीच एक सरकारी एसपीवी- महाराष्ट्र एमएमएलपी प्रा. लिमिटेड का गठन हुआ है। जेएनपीए ने एमएमएलपी के विकास के लिए भूमि प्रदान करेगा और एनएचएलएमएल बाहरी रेल, सड़क कनेक्टिविटी के साथ-साथ पानी और बिजली की आपूर्ति भी करेगा।

एमएमएलपी में गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, इंटरमॉडल ट्रांसफर, कंटेनर टर्मिनलों के लिए हैंडलिंग सुविधाएं, बल्क/ब्रेक-बल्क कार्गो टर्मिनल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके साथ ही मूल्यवर्धित सेवाएं जैसे सॉर्टिंग/ग्रेडिंग और एकत्रीकरण/डिसेग्रेगेशन क्षेत्र, बॉन्डेड वेयरहाउस और सीमा शुल्क सुविधाएं, फ्रेट फारवर्डर्स और ट्रांसपोर्टरों के लिए कार्यालय और ट्रक टर्मिनल भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

एमएमएलपी नागपुर के विकास से देश के माल ढुलाई लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इससे माल ढुलाई की कुल लागत और समय में कमी आएगी, कुशल गोदाम उपलब्ध होंगे, माल की बेहतर ट्रैकिंग की क्षमता होगी जिससे भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की दक्षता बढ़ेगी। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र में आर्थिक विकास होगा।

ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल

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