PIB : भारत ने जिनेवा में 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में डिजिटल स्वास्थ्य पर एक अलग कार्यक्रम का आयोजन किया

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने समान और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और अच्छे स्वास्थ्य तथा कल्याण की उपलब्धि में योगदान देने में डिजिटल स्वास्थ्य की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत भारत के प्रयास पर प्रकाश डाला गया जिसका उद्देश्य एक मजबूत राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम तैयार करना है

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए को-विन को यूविन में परिवर्तित किया जा रहा है”

भारत ने जिनेवा में चल रही 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान, डिजिटल स्वास्थ्य पर एक अलग कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें क्वाड देशों ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भागीदारी की।

आयोजन का उद्देश्य स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों का समाधान प्रदान करने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की परिवर्तनकारी क्षमता पर बल देना था।

इसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वैश्विक स्तर पर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डाला।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख श्री अपूर्व चंद्रा ने डिजिटल स्वास्थ्य में भारत की प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने न्यायसंगत और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में योगदान देने और सतत विकास लक्ष्य-3, यानी अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की उपलब्धि में डिजिटल स्वास्थ्य की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने महामारी के दौरान डिजिटल पहचान के लिए आधार, वित्तीय लेनदेन के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और को-विन के साथ प्रभावी स्वास्थ्य सेवा वितरण जैसे बड़े पैमाने पर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को लागू करने में भारत की सफलता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए को-विन को यूविन में परिवर्तित किया जा रहा है यह हर वर्ष 30 मिलियन नवजात शिशुओं और माताओं के टीकाकरण रिकॉर्ड को जोड़ने और उसके बाद आंगनवाड़ी और स्कूल स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रदान करने में सहायता करेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत भारत के प्रयास पर भी प्रकाश डाला इसका उद्देश्य एक मजबूत राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम तैयार करना है।

618 मिलियन से अधिक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी (एबीएचए आईडी) उत्पन्न होने, 268,000 स्वास्थ्य सुविधाएं पंजीकृत होने और 350,000 स्वास्थ्य पेशेवरों को सूचीबद्ध करने के साथ, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के हिस्से के रूप में, भारत सरकार डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के शीर्ष पर निर्मित सार्वजनिक निजी भागीदारी का लाभ उठाते हुए बीमा भुगतान इकोसिस्टम को बदलने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज (एनएचसीएक्स) की शुरुआत कर रही है। यह दावों के स्वत: निर्णय के साथ वास्तविक समय निपटान के युग की शुरुआत करेगा।

ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल

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