PIB Delhi : लक्षित क्षेत्रों में हाई स्कूलों माध्यमिक विद्यालय में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा की योजना-श्रेष्ठ

श्रेष्ठ का उद्देश्य सरकार के विकास संबंधी उपायों की पहुंच को बढ़ाना और शिक्षा के क्षेत्र में सहायता प्राप्त संस्थानों (गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित) तथा उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने वाले आवासीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रयासों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सेवा की कमी वाले अनुसूचित जातियों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में अंतर को कम करना और अनुसूचित जातियों (एससी) के सामाजिक आर्थिक उत्थान एवं समग्र विकास के लिए माहौल प्रदान करना है।

इस योजना में संशोधन किया गया है ताकि अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक और समग्र विकास के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में आसानी से पहुंच प्रदान की जा सके, जिससे उनके भविष्य के अवसरों को सुरक्षित किया जा सके।

यह योजना दो तरीकों से कार्यान्वित की जा रही है: एक श्रेष्ठ स्कूल है, (सर्वश्रेष्ठ सीबीएसई /राज्य बोर्ड संबद्ध निजी आवासीय विद्यालय), इसके तहत, प्रत्येक वर्ष राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों की एक निश्चित संख्या का चयन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित किए जाने वाले श्रेष्ठ (एनईटीएस) के लिए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा तथा कक्षा 9वीं और 11वीं में 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूरी करने के लिए सीबीएसई/राज्य बोर्ड से संबद्ध सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा।

स्कूलों का चयन: पिछले तीन वर्षों के दौरान कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए 75 प्रतिशत से अधिक उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सीबीएसई आधारित निजी आवासीय स्कूलों का चयन चयनित छात्रों के प्रवेश के लिए एक समिति द्वारा किया जाता है।

छात्रों का चयन: लगभग 3000 (कक्षा 9वीं के लिए 1500 और कक्षा 11वीं के लिए 1500) अनुसूचित जाति के छात्र, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख है, को हर साल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के माध्यम से योजना के तहत चुना जाता है, छात्रों को स्कूलों के विकल्प उनकी योग्यता के अनुसार दिए जाएंगे।

छात्र की स्कूल शुल्क (ट्यूशन फीस सहित) और छात्रावास शुल्क (मेस शुल्क सहित) समेत कुल शुल्क को विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। प्रत्येक वर्ग के लिए योजना के तहत स्वीकार्य शुल्क निम्नानुसार है:

कक्षा प्रति छात्र प्रति वर्ष शुल्क (रुपये)
9वीं 1,00,000
10वीं 1,10,000
11वीं 1,25,000
12वीं 1,35,000

इस योजना के अंतर्गत चयनित विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग शैक्षिक आवश्यकताओं की पहचान करने के अलावा स्कूल के बाद के समय में चयनित स्कूलों में ब्रिज कोर्स के प्रावधान शामिल किए गए हैं। ब्रिज कोर्स का लक्ष्य छात्र की क्षमता को बढ़ाना होगा ताकि वह आसानी से स्कूल के माहौल में घुल-मिल सके। ब्रिज कोर्स की लागत यानी वार्षिक शुल्क का 10% भी विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। मंत्रालय द्वारा समय-समय पर छात्रों की प्रगति की निगरानी की जाएगी।

दूसरा तरीका, गैर-सरकारी संगठन/स्वयंसेवी संगठन द्वारा संचालित स्कूल/छात्रावास (मौजूदा घटक) है, (इसके बाद दिशानिर्देश केवल योजना के मोड 2 के लिए लागू होते हैं), स्वयंसेवी संगठनों/गैर-सरकारी संगठनों और माध्यमिक कक्षाओं (कक्षा 12वीं तक) वाले अन्य संगठनों द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों/छात्रावासों और जो सहायता अनुदान प्राप्त कर रहे हैं, वे भी इस योजना के तहत संतोषजनक प्रदर्शन करते रहेंगे।

इस योजना के तहत स्कूलों में दाखिला अनुसूचित जाति के लिए स्कूल शुल्क और आवासीय शुल्क के लिए अनुदान इस शर्त के साथ प्रदान किया जाएगा कि यदि प्रवेश के अलावा अन्य को प्रवेश दिया जाता है, तो स्कूल को ऐसे छात्रों से शुल्क लेने की अनुमति दी जाएगी।

प्रत्येक अनुसूचित जाति छात्र के लिए अनुदान निम्नानुसार होगा:

प्रति छात्र लागत (रुपये प्रति वर्ष) *
 

आवासीय

 

गैर-आवासीय

 

छात्रावास

प्राथमिक 44000 27000 30000
माध्यमिक 55000 35000 30000

2020-21 से 2023-24 तक लक्षित क्षेत्रों में हाई स्कूलों (माध्यमिक विद्यालय) में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठ) के तहत व्यय

क्रम संखया साल बीई व्यय

(करोड़ रुपये में)

लाभार्थी
1 2020-21 100 56.05 38250
2 2021-22 200 38.04 20435
3 2022-23 89 51.12 16479
4 2023-24 104.65 14.94

 

(10.09.2023 तक)

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ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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