PIB Delhi : रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में अग्रिम चौकियों का दौरा किया

रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में अग्रिम चौकियों का दौरा किया; एलएसी पर रक्षा तैयारियों का जायजा लिया

तवांग में सैनिकों के साथ दशहरा मनाया और शस्त्र पूजा की

मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं; सरकार सुनिश्चित कर रही है कि सभी प्रमुख हथियार और प्लेटफॉर्म भारत में ही बनें: श्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 24 अक्टूबर, 2023 को अरुणाचल प्रदेश में अग्रिम चौकियों का दौरा कर वहां सशस्त्र बलों की परिचालन संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों से बातचीत की और उनके साथ दशहरा मनाया।

रक्षा मंत्री ने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं पर तैनात रहने वाले, लेकिन देश और उसकी जनता की सदैव सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सैनिकों की अडिग भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समूचे देश को सशस्त्र बलों पर गर्व है और वह उनके साथ खड़ा है।

श्री राजनाथ सिंह ने तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा की। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने अपने संबोधन में सशस्त्र बलों के वीर जवानों की धार्मिकता और धर्म को विजयादशमी के त्योहार के लोकाचार का सजीव प्रमाण बताया।

रक्षा मंत्री ने इंगित किया कि सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता जैसे कारणों की बदौलत ही आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कद बढ़ा है और अब वह सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार हो चुका है।

अपने हाल के इटली दौरे का हवाला देते हुए श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने मोंटोन स्मारक (पेरुगिया प्रांत) का दौरा किया, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध में मोंटोन को मुक्त कराने के लिए इतालवी अभियान में लड़ने वाले नाइक यशवंत घाडगे और अन्य भारतीय सैनिकों के योगदान के सम्मान में बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि उस स्मारक पर केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि इतालवी लोग भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी का वैश्विक स्‍तर पर सम्‍मान है।

श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्‍होंने इस बात को रेखांकित किया कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से सरकार द्वारा देश की सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।  उन्‍होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है।

पहले हम अपनी सेना को उन्नत बनाने के लिए आयात पर निर्भर रहा करते थे,लेकिन आज, कई प्रमुख हथियारों और प्लेटफार्मों का निर्माण देश के भीतर ही किया जा रहा है। विदेशी कंपनियों को अपनी तकनीक साझा करने और भारत में घरेलू उद्योग के साथ उपकरण का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 2014 में, रक्षा निर्यात का मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये था, लेकिन आज हम हजारों करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं।”

रक्षा मंत्री ने तवांग युद्ध स्मारक का भी दौरा कर 1962 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे; जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता; जीओसी, 4 कोर लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

श्री राजनाथ सिंह ने असम के तेजपुर में 4 कोर मुख्यालय का भी दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान श्री सिंह ने देश के सुदूर पूर्वी हिस्सों में तैनात फॉर्मेशन की परिचालन संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। रक्षा मंत्री को एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास और अग्रिम मोर्चे पर  तैनात सैनिकों की परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोर के सभी रैंकों द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य और उपयोगी सेवाओं की सराहना की।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: