PIB : डीएएचडी और यूएनडीपी ने वैक्सीन कोल्ड चेन प्रबंधन, क्षमता निर्माण और संचार योजना के डिजिटलीकरण के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये

मत्स्य पालनपशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडीने वैक्सीन कोल्ड चेन प्रबंधनक्षमता निर्माण और संचार योजना के डिजिटलीकरण पर आज संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), भारत के साथ एक सहमति ज्ञापन (एमओयूपर हस्ताक्षर किये।

एमओयू पर आज नयी दिल्ली, लोदी एस्टेट स्थित यूएनडीपी, भारत कार्यालय के ‘‘वी द पीपल्स हाॅल’’ में पशुपालन और डेयरी विभाग में सचिव श्रीमती अल्का उपाध्याय और भारत में यूएनडीपी की निवासी प्रतिनिधि सुश्री कैटलीन वीसेन के बीच हस्ताक्षर किये गये। इस रणनीतिक भागीदारी का उद्देश्य भारत में वैक्सीन कोल्ड चेन प्रबंधन, क्षमता निर्माण और संचार योजना के डिजिटलीकरण को बढ़ाना है।

श्रीमती अल्का उपाध्याय ने बैठक को संबोधित करते हुये टीकाकरण का दायरा और पहुंच बढ़ाने के लिये विश्वसनीय कोल्ड चेन उपकरणों से लैस मजबूत और सक्षम आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, 142.86 करोड़ लोगों, 53.57 करोड़ खेतीहर पशुओं और 85.18 करोड़ कुक्कुट आबादी के साथ भारत में बड़ी जनसंख्या और पशुओं की संख्या को देखते हुये सभी तरह की पशु चिकित्सा सेवाओं को किसानों के दरवाजे तक पहुंचाना और इस बड़ी संख्या की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती है।

उन्होंने आगे बताया‘‘समूची वैक्सीन स्टाॅक प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण और वैक्सीन स्टाॅक और उसके प्रवाह तथा भंडारण तापमान के बारे में वास्तविक समय की जानकारी उपलब्ध होने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं्रबंधन सूचना प्रणाली और मानव संसाधनों की समस्याओं का प्रबंधन करने से वैक्सीन आपूर्ति में आने वाली असमानताओं को दूर किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोल्ड चेन प्रबंधन प्रक्रिया की यूएनडीपी द्वारा विकसित पशु वैक्सीन आसूचना नेटवर्क (एवीआईएनके माध्यम से आधुनिक प्रौद्योगिकी और कृत्रिम मेधा की मदद से निगरानी की जायेगी।

यूएनडीपी की भारत प्रतिनिधि सुश्री कैटलीन वीसेन ने एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान कहा, ‘‘नई पशुजन्य बीमारियों के प्रकोप और जलवायु परिवर्तन के बीच पशुओं और उनके पालन पोषण में लगे समुदायों में खतरा बढ़ता जा रहा ह।

उन्होंने कहा कि पशुपालन और डेयरी विभाग के साथ इस भागीदारी के माध्यम से यूएनडीपी भारत की पहली पशु वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली को समर्थन और मजबूती देगा।

इससे समुदायों और जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी और मानव-पशु-पर्यावरण के बीच जुड़ाव में आने वाले खतरे को कम किया जा सकेगा।

डीएएचडी में संयुक्त सचिव (एलएच), श्रीमती सरिता चैहान ने इस सहयोग के उद्देश्यों के बारे में कहा देशभर में उपलब्ध विस्तृत शीतगृह श्रृंखला सुविधाओं की वास्तविक समय में निगरानी का जरूरी लेकिन कठिन कार्य यूएनडीपी द्वारा विकसित कोल्ड चेन निगरानी प्रणाली के माध्यम से आधुनिक प्रौद्योगिकी और कृत्रिम मेधा की मदद से ही संभव हो सकेगा।

इससे विभाग को देशभर में सही मात्रा, सही गुणवत्ता, सही समय और सही तापमान पर सहायक निरीक्षण के साथ वैक्सीन प्रबंधन और वितरण में मदद मिलेगी।

विशेष बात यह है कि यूएनडीपी और डीएएचडी इसके केन्द्र में एकमुश्त स्वास्थ्य दृष्टिकोण के साथ पशुओं की स्वास्थ्य मजबूती के लिये मिलकर काम करेंगे।

यह कदम यूएनडीपी भारत द्वारा कोल्ड चेन डिजिटलीकरण और दूरस्थ तापमान निगरानी के लिये डिजिटल भविष्य के निर्माण में योगदान करेगा। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस की निर्धारित सीमा के भीतर उपयुक्त तापमान में रखा जा सकेगा जो कि टीकाकरण कवरेज और पहुंच बढ़ाने के लिये महत्वपूर्ण है।

वर्तमान में पशुपालन और डेयरी विभाग पशुओं में खुर और मुंहपका बीमारी (एफएमडी) रोकथाम के लिये इस वर्ष करीब 900 करोड़ रूपये की वैक्सीन आपूर्ति कर रहा है और इसके पीछे उसका उद्देश्य 50 करोड़ बड़े पशुओं और 20 करोड़ छोटे पशुओं को एफएमडी टीकाकरण कार्यक्रम के दायरे में लाना है।

इस एमओयू के माध्यम से पशु पालन व्यवहारों में सीईएएच का क्षमता विस्तार करने के लिये तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जायेगी।एमओयू के अन्य पहलुओं में योजना में समर्थन और प्रभावी तथा समावेशी पशु बीमा कार्यक्रम तैयार करना, विभाग के लिये एक प्रभावी संचार योजना बनाना तथा उसका क्रियान्वयन शामिल है जो कि विभाग की गतिविधियों के बेहतर प्रसार और पहुंच को सुनिश्चित करेगा।

यह भागीदारी पशुपालन क्षेत्र के हितधारकों की तकनीकी जानकारी और क्षमताओं में सुधार के लिये कौशल विकास प्रयासों और विस्तार सेवाओं पर भी काम करेगी।

यह सहयोग यूएनडीपी की वैश्विक विशेषज्ञता और डीएएचडी के अधिदेश का लाभ उठाते हुये पशुओं के स्वास्थ्य, उनके पालन के बेहतर व्यवहारों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डीएएचडी और यूएनडीपी दोनों का लक्ष्य मिलकर देश में पशु स्वास्थ्य और कल्याण प्रबंधन के लिये एक मजबूत, सक्षम और समावेशी ढांचा तैयार करना है।

ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल

 

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