पाकिस्तानी नागरिक का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर


Kolkata News: पाकिस्तानी जासूस? भारत में छद्म पहचान के साथ रह रहे पाकिस्तानी नागरिक का भंडाफोड़, ED ने कसी नकेल

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जो न केवल पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में बसा रहा था, बल्कि करोड़ों रुपये के हवाला कारोबार और फर्जी पासपोर्ट रैकेट का संचालन भी कर रहा था। ईडी ने 11 दिसंबर 2025 को पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद और उसके भारतीय सहयोगी इन्दु भूषण हलदर समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

पाकिस्तानी नागरिक बना ‘भारतीय’, 400 पासपोर्ट का खेल

जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक, ‘मोना मलिक के बेटे’ की फर्जी पहचान के साथ कोलकाता में रह रहा था। उसने इन्दु भूषण हलदर के साथ मिलकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय पहचान दिलाने का ‘धंधा’ शुरू किया।

  • 50,000 में ‘पक्का’ इंतजाम: यह गिरोह आधार कार्ड, पैन कार्ड और भारतीय पासपोर्ट बनाने के लिए प्रति व्यक्ति लगभग 50,000 रुपये लेता था।

  • 300 से अधिक आवेदन: आरोपियों ने अब तक करीब 300 से 400 फर्जी पासपोर्ट आवेदन भेजे थे। जांच में 29 ऐसे आवेदन मिले जिनमें इनकम टैक्स (ITR) की कॉपियां एक जैसी थीं और उन पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं थी।

बायोलॉजी को भी मात: 3 महीने के अंतर पर दो भाइयों का जन्म!

फर्जीवाड़ा इतना कच्चा था कि दस्तावेजों में ‘बायोलॉजिकल’ असंभव जानकारियां दी गई थीं। ईडी ने पाया कि:

  • एक मामले में दो सगे भाइयों की जन्मतिथि में मात्र 3 महीने का अंतर दिखाया गया था।

  • दूसरे मामले में दो भाइयों की उम्र में केवल 7 महीने का अंतर था। इतना ही नहीं, इनमें से एक व्यक्ति के पास ढाका, बांग्लादेश का असली नेशनल आईडी कार्ड भी बरामद हुआ है।

हवाला और ‘bKash’ के जरिए करोड़ों की हेराफेरी

आजाद मलिक केवल पासपोर्ट ही नहीं बना रहा था, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच एक अवैध हवाला नेटवर्क भी चला रहा था। वह नकद और UPI के जरिए भुगतान लेता था और फिर ‘bKash’ जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग कर पैसे सीमा पार भेजता था।

मनी एक्सचेंजर कंपनी का काला कारनामा: 80 करोड़ का फर्जीवाड़ा

ईडी की जांच में मेसर्स गोल्डनआइज फॉरेक्स एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक अधिकृत मनी चेंजर कंपनी की संलिप्तता भी सामने आई है। कंपनी के निदेशकों ने आरबीआई नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए:

  • पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक को अपनी काउंटर से विदेशी मुद्रा बेचने की अनुमति दी।

  • बिना किसी वैध दस्तावेज के विदेशी मुद्रा को खुले बाजार में बेचा गया।

  • आम जनता की आईडी का गलत इस्तेमाल कर फर्जी कैश मेमो बनाए गए और बैंक खातों में 80 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि जमा की गई।

अब तक की कार्रवाई

आजाद मलिक को 15 अप्रैल 2025 और इन्दु भूषण हलदर को 13 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है। ईडी इस मामले में टेरर फंडिंग और अन्य सुरक्षा पहलुओं की भी जांच कर रही है।


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