नागपुर: 2 सरकारी कर्मियों को 5 साल की सज़ा
⚖️ रिश्वतखोरी का अंजाम: आयुध निर्माणी के 2 वरिष्ठ अधिकारी दोषी करार, 5 साल का कठोर कारावास
🔒 नागपुर CBI कोर्ट का फैसला: संयुक्त महाप्रबंधक और कनिष्ठ निर्माण प्रबंधक को ₹1.5 लाख का जुर्माना; 13 साल पुराने मामले में सजा।
नागपुर: सीबीआई न्यायालय, नागपुर ने आयुध निर्माणी (Ordnance Factory) से जुड़े एक रिश्वतखोरी के मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए दो सरकारी कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। दोनों आरोपियों को 5 वर्ष के कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) और प्रत्येक पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
🚨 क्या था मामला?
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने यह मामला 02 जनवरी 2012 को दर्ज किया था।
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आरोपी: सलीलकांत सनतकुमार तिवारी (संयुक्त महाप्रबंधक) और विनीत यादवराव सोरटे (कनिष्ठ निर्माण प्रबंधक)।
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शिकायत: दोनों पर शिकायतकर्ता की फर्म को बकाया भुगतान (₹90,000) जारी करने और आगे सामग्री की आपूर्ति के लिए ₹22,000 की रिश्वत मांगने का आरोप था।
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टैप और गिरफ्तारी: सीबीआई ने अगले ही दिन 03 जनवरी 2012 को दोनों आरोपियों को ₹22,000 की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2012 को आरोपपत्र दायर किया था।
🏛️ न्यायालय का आदेश
सीबीआई न्यायालय ने एक लंबी विचारण (ट्रायल) प्रक्रिया के बाद आरोपियों को दोषी पाया और 03 दिसंबर 2025 को उन्हें सजा सुनाई। न्यायालय का यह फैसला सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति को रेखांकित करता है।
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