Mumbai : एक्टर नागा चैतन्या अब एक और बेंच मार्क सेट करने की तैयारी में!

मुंबई (अनिल बेदाग) : तेलुगु सिनेमा में इन दिनों पौराणिक कहानियों की वापसी ने एक नई ऊर्जा भर दी है। इस नवजागरण के केंद्र में अब चर्चा है नागा चैतन्य की—क्या वह अपने दादा अक्किनेनी नागेश्वर राव और पिता नागार्जुन की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पौराणिक भूमिकाओं की ओर रुख कर रहे हैं?
उनकी आगामी फिल्म एन सी 24 को लेकर पहले से ही अटकलें तेज हैं कि इसमें पौराणिक तत्व होंगे। अब यह भी खबरें हैं कि वह एक और बड़ी पौराणिक फिल्म में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं—एक ऐसा प्रोजेक्ट जो उनके दिल के बहुत करीब बताया जा रहा है और जिसमें उनके आध्यात्मिक विश्वासों की झलक भी देखने को मिल सकती है।
अक्किनेनी परिवार की सिनेमा में पौराणिक विषयों को लेकर एक गहरी और समृद्ध परंपरा रही है। महान अभिनेता ए एन आर ने श्री कृष्णार्जुन युद्धम्, श्री राम राज्यं जैसी फिल्मों में राम और कृष्ण जैसे देवताओं की भूमिकाएं निभाईं और संत तुकाराम व रामदासु जैसे संतों के चरित्रों को जीवंत किया।
इस विरासत को नागार्जुन ने आगे बढ़ाया—अन्नमय्या में उन्होंने संत-कवि अन्नमाचार्य का किरदार निभाया, वहीं ओम नमो वेंकटेशाय में हठीराम भवा जी की भूमिका निभाकर दर्शकों को आध्यात्मिकता से जोड़ा। श्री रामदासु, शिरडी साई, और जगद्गुरु आदि शंकराचार्य में भगवान शिव के रूप में उनकी उपस्थिति इस परंपरा को और भी मजबूत करती है।
अब, अगर नागा चैतन्य सचमुच पौराणिक सिनेमा की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, तो यह केवल एक पारिवारिक परंपरा का निर्वाह नहीं होगा—यह उनके व्यक्तिगत आध्यात्मिक पक्ष और अभिनय के माध्यम से उसकी अभिव्यक्ति भी होगी।
एन सी 24 और संभावित नई पौराणिक फिल्म के साथ, नागा चैतन्य तेलुगु सिनेमा को न केवल विरासत के धरातल पर जोड़ रहे हैं, बल्कि उसे एक नए युग में ले जाने का संकेत भी दे रहे हैं। दर्शक अब उनकी इस नई यात्रा को देखने के लिए उत्सुक हैं—जहां श्रद्धा, परंपरा और कला का संगम एक नई चेतना लेकर आएगा।
यह एक नई शुरुआत हो सकती है—न केवल एक अभिनेता के लिए, बल्कि उस विरासत के लिए भी जिसने भारतीय सिनेमा को श्रद्धा और संस्कृति के सबसे पवित्र रूप दिए हैं।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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