AIIMS में दम तोडती मोदी सरकार की विकास गाथा , अब ऑपरेशन के लिए करना होगा 24 महीने इंतज़ार

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी ससंद  स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज ने एक समय कहा था AIIMS सर्दी जुकाम के लिए खुलवाया था क्या? ये शब्द उस दौरान के है जब सुषमा स्वराज अपने आखिरी दिनों मे AIIMS मे भर्ती थी.

आज भारत विश्व की चौथी सबसे बडी इकॉनमी बन गयी गई है , मोदी सरकार ने आज AIIMS तथा कई सरकारी अस्पताल की इतनी  दुर्दशा कर दी  है. जिससे  चप्पल घिसने के बाद भी गरीब लाचार व्यक्ति  इलाज के आभाव में दम तोड़ रहा है ,अब  मोदी सरकार नया फरमान लेकर आयी है। यूपी-बिहार से लेकर देश के हर कोने से निराश हो चुके मरीज यहां आते हैं. किसी को सर्जरी करानी होती है तो किसी और बिमारी का इलाज. हर कोई यहां उम्मीद लगाकर आता है. इस बीच दिल्ली एम्स पर मरीजों का बोझ बढ़ गया है. यह बोझ इतना अधिक है कि सर्जरी के लिए लंबी वेटिंग हो गई है. जी हां,

आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली एम्स में सर्जरी के लिए 2 साल तक की वेटिंग चल रही है. सर्जरी के मरीजों के लिए यह बड़ा सिरदर्द है.दरअसल, दिल्ली एम्स में सर्जरी के लिए वेटिंग बरकरार है. दो महीने से लेकर दो साल तक की यहां वेटिंग है. इसका खुलासा एक सवाल के जवाब में संसद में हुआ है. एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि प्लान प्रोसीजर में मरीजों को ऑपरेशन के लिए दो साल तक का भी इंतजार करना पड़ सकता है. अब सवाल है कि सबसे गंभीर स्थिति किस विभाग में है?

जवाब में सबसे गंभीर स्थिति कार्डियो थोरेसिक-वैस्कुलर सर्जरी (CTVS) और न्यूरोसर्जरी विभाग में देखने को मिल रही है, जहां रेग्युलर मामलों में मरीजों को ऑपरेशन के लिए 2 साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि फिलहाल CTVS सर्जरी के लिए 690 मरीज, न्यूरोसर्जरी के लिए 1324 मरीज, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के लिए 305 मरीज और कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए 28 मरीज ऑपरेशन की वेटिंग में हैं।

एम्स देश का सबसे बड़ा, सबसे भरोसेमंद सरकारी अस्पताल है। इसलिए यहां दिल्ली समेत पूरे देश से मरीज आते हैं, जिससे ओपीडी, रूटीन जांच से लेकर सर्जरी तक पर बहुत ज्यादा बोझ रहता है। भले एम्स के अंदर सुविधाओं का इजाफा हो रहा है, लेकिन जो बोझ है उसके आगे यह कम पड़ रहा है। एम्स में सर्जरी में वेटिंग सिर्फ अस्पताल का नहीं बल्कि पूरे हेल्थ सिस्टम की असंतुलित इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनेजमेंट का नतीजा है। वर्तमान में बेहतर मेडिकल केयर एम्स और ऐसे गिने चुने संस्थानों तक ही सीमित है। देश में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या भी सीमित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: