Mathura : श्रीकृष्णा हाइट्स के पास नियम विरुद्ध चल रहा कॉमर्शियल कारोबार
मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण दे चुका है नोटिस
मथुरा। भगवान लीलाधर की नगरी मथुरा-वृन्दावन में कुछ धन्नासेठों द्वारा नियम-कायदों का जमकर चीरहरण करते हुए आमजन के जीवन को संकट में डाला जा रहा है। जी हां, श्रीकृष्णा हाइट्स के रिहायशी इलाके में गेस्ट हाउस, मैरिज होम, होटल का संचालन बेखौफ जारी रहना किसी अनहोनी का ही सूचक है।
यद्यपि 29 अगस्त, 2023 को मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी प्रसून द्विवेदी के हस्ताक्षरों से संदीप अरोड़ा नियर केएमपीएस स्कूल, छटीकरा रोड को नोटिस भी जारी हुआ लेकिन उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा अलबत्ता गेस्ट हाउस, मैरिज होम, होटल इत्यादि आज भी संचालित हैं।
इन कॉमर्शियल गतिविधियों की शिकायतें स्थानीय लोगों द्वारा मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण को लगातार की जाती रही हैं लेकिन इनका संदीप अरोड़ा पर कोई असर होता नहीं दिख रहा।
इनके कारण स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। होटल कृष्णा वैभव के पास 15 मंजिल का टॉवर है, जिसमें हजारों लोग रहते हैं। सूत्रों का कहना है कि होटल मालिक संदीप अरोड़ा ने अग्नि शमन विभाग से एनओसी भी नहीं ली है। आपातकालीन स्थति में कोई भी बड़ी जनहानि से इंकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां अवैध रूप से कॉमर्शियल गतिविधियां जारी हैं। कॉमर्शियल कार्य की मंजूरी भी नहीं है बावजूद गेस्ट हाउस, मैरिज होम, होटल इत्यादि धड़ल्ले से चल रहे हैं। यहां आएदिन लोग रात के समय शोर शराबा करते हैं जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
हम आपको बता दें 29 अगस्त, 2023 को विशेष कार्याधिकारी प्रसून द्विवेदी के हस्ताक्षरों से संदीप अरोड़ा नियर केएमपीएस स्कूल, छटीकरा रोड को नोटिस जारी हुआ था जिसमें कहा गया है कि श्रीकृष्णा हाइट्स के पास संचालित गेस्ट हाउस, मैरिज होम, होटल इत्यादि के मानचित्र की कोई भी स्वीकृति उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धाराएं 15 निर्माण उपविधि के अनुसार प्राधिकरण से प्राप्त नहीं की गई है। इतना ही नहीं भवन के अंदर अग्निशमन, प्रदूषण एवं पार्किंग की व्यवस्था मानकों के अनुरूप नहीं की गई है।
मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए 29 अगस्त, 2023 के नोटिस में निर्देशित किया गया था कि दो सप्ताह के अंदर उपरोक्तानुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए स्वीकृति संबंधी अभिलेख और साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएं अन्यथा प्राधिकरण द्वारा उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी।
पत्र को जारी हुए लगभग छह महीने बीत चुके हैं लेकिन गेस्ट हाउस, मैरिज होम, होटल इत्यादि का संचालन जारी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण से अधिक ताकतवर है धन्नासेठ संदीप अरोड़ा या फिर उसने जवाबदेहों की जेबें गर्म कर रखी हैं।
रिपोर्ट :- आकाश चतुर्वेदी बैंकर