लखनऊ : वन एवं पर्यावरण मंत्री ने वन निगम के कार्यों की समीक्षा की

वन एवं पर्यावरण मंत्री ने वन निगम के कार्यों की समीक्षा की पर्यटकों के लिए अमानगढ, सोहगीबरवा को सफारी हेतु खोला जाये उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य समय से पूर्ण कर लिये जायें -श्री अरूण कुमार सक्सेना

प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरूण कुमार सक्सेना ने आज वन निगम के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि इस वर्ष उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य समय से पूर्ण कर लिये जायें तथा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं रेलमार्गों में आने वाले तथा विकास कार्यों में बाधक वृक्षों का पातन प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाये। उन्होंनें प्रकाष्ठ की बिक्री में वृद्धि सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। साथ ही वन निगम के सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के देय लाभों को समय से उपलब्ध कराने तथा ईकोटूरिज्म क्षेत्र में पर्यटकों को सुविधा हेतु खोले गये अमानगढ, सोहगीबरवा को भी इस पर्यटन सत्र से सफारी हेतु खोला जाये।

वन मंत्री ने बैठक में उत्तर प्रदेश वन निगम में प्रकाष्ठ, तेन्दूपत्ता एवं लघु वन उपज के उत्पादन तथा बिक्री, ईकोटूरिज्म एवं वन प्रमाणीकरण आदि कार्यों की समीक्षा की। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि इस वर्ष माह नवम्बर 2022 तक 80 हजार घन मी0 प्रकाष्ठ का उत्पादन किया गया, जो गतवर्ष की तुलना में 122 प्रतिशत है तथा माह नवम्बर 2022 तक वन निगम द्वारा प्रकाष्ठ एवं तेन्दूपत्ता के विक्री से 140 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ, जो गतवर्ष की तुलना में 151 प्रतिशत है।

उन्होंने समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को पूर्ण निष्ठा से कार्य करते हुए कार्य प्रणाली में सुधार लाने हेतु निर्देश दिये। वन निगम को अधिक से अधिक लाभ अर्जन हो इसका ख्याल रखने को कहा। बैठक में प्रबन्ध निदेशक श्री सुधीर कुमार शर्मा, अपर प्रबन्ध निदेशक/महाप्रबन्धक (उत्पादन) श्री बी0 प्रभाकर, महाप्रबन्धक (उद्योग) श्रीमती ईवा शर्मा, महाप्रबन्धक (विपणन/तेन्दूपता) श्री रामकुमार, महाप्रबन्धक (कार्मिक) श्री सुजॉय बैनर्जी, महाप्रबन्धक (मेरठ) श्री सुशान्त शर्मा, क्षेत्रीय प्रबन्धक लखनऊ व गोरखपुर एवं वी0 सी0 के माध्यम से समस्त क्षेत्रीय अधिकारीगण उपस्थिति रहे।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

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