कोपल हॉस्पिटल की लापरवाही: केस दर्ज
बरेली में कोपल हॉस्पिटल की खौफनाक लापरवाही: फोटोथैरेपी मशीन से नीचे गिरा नवजात, 15 मिनट तक फर्श पर तड़पता रहा मासूम
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहाँ के कोपल हॉस्पिटल में अस्पताल स्टाफ की संवेदनहीनता और बड़ी लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु की जान जोखिम में पड़ गई है। पीलिया के इलाज के लिए भर्ती मासूम बच्चा फोटोथैरेपी मशीन से नीचे गिर गया और आरोप है कि वह करीब 15 मिनट तक फर्श पर तड़पता रहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी।
क्या है पूरा मामला?
नवाबगंज निवासी नीरेन्द्र कुमार गंगवार ने अपने नवजात शिशु को 8 दिसंबर को इलाज के लिए कोपल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने बच्चे को पीलिया की शिकायत बताते हुए फोटोथैरेपी मशीन में रखने की सलाह दी।
अगले दिन सुबह करीब 9:30 बजे, अस्पताल स्टाफ की घोर लापरवाही तब उजागर हुई जब बच्चा मशीन से नीचे गिर गया। आईसीयू में मौजूद एक अन्य महिला ने जब बच्चे को जमीन पर पड़ा देखा, तब परिजनों को इस हादसे की जानकारी मिली।
दूसरे अस्पताल में वेंटिलेटर जैसी स्थिति: हालत बेहद गंभीर
परिजनों का आरोप है कि गिरने के कारण बच्चे के गाल पर गंभीर चोट आई और सूजन बढ़ गई। अस्पताल की इस अमानवीय हरकत के बाद परिजनों ने तुरंत बच्चे को वहाँ से निकालकर डॉ. अशोक मेहदी रत्ता के अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के अनुसार, नवजात की स्थिति वर्तमान में बेहद नाजुक बनी हुई है।
डॉक्टरों और स्टाफ पर FIR दर्ज
पीड़ित पिता की तहरीर पर बरेली की बारादरी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ:
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डॉक्टर अभिषेक
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डॉक्टर स्मृति गंगवार
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संबंधित अस्पताल स्टाफ
CCTV फुटेज से खुलेगा राज
पीड़ित परिवार का दावा है कि यह पूरी घटना अस्पताल के CCTV कैमरों में कैद हुई है। हालांकि, परिजनों ने आशंका जताई है कि अस्पताल प्रशासन सबूत मिटाने के लिए फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
यह घटना बरेली के निजी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और जिम्मेदारी पर बड़ा सवालिया निशान लगाती है। क्या चंद रुपयों की खातिर मासूमों की जान दांव पर लगाना जायज है? पीड़ित परिवार अब दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा और अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग कर रहा है।
रिपोर्ट: रोहिताश कुमार, बरेली
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