खिलाडिय़ों की असल जिंदगी से कराएंगे रूबरू
संग्राम सिंह कम काम करते हैं लेकिन आमिर खान की तरह जो भी करते हैं, जरा हटकर और क्वालिटी में जोरदार होता है. जैसा कि उनका नया शो. कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर चुके संग्राम सिंह भारतीय पहलवान और अभिनेता हैं. उन्होंने हाल ही में पहली के डी जाधव इंटरनैशनल रैसलिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया है.एक बातचीत में संग्राम सिंह ने बताया, ‘‘मैं अब दूरदर्शन चैनल पर एक कार्यक्रम ‘हौसलों की उड़ान’ को होस्ट करने जा रहा हूं.
यह शो अपनेआप में अलग है जो लोगों, खासकर, बच्चों को अपनी राह खुद बनाने के लिए प्रेरित करेगा.’’यह किन लोगों के हौसलों की उड़ान है? पूछने पर वे कहते हैं, ‘‘यह कार्यक्रम अलगअलग खेलों में नाम कमा चुके खिलाडिय़ों के संघर्ष से ले कर उन की उपलब्धियों पर आधारित है जिस में कई नामचीन खिलाड़ी अपनी जिंदगी के अनछुए किस्से दर्शकों के सामने रखेंगे.’’ उन्होंने आगे बताया, ‘‘इस शो में बिलियड्र्स के महान खिलाड़ी गीत सेठी, हौकी के वेटरन खिलाड़ी अजीतपाल सिंह, फुटबौलर बाइचुंग भूटिया, जिमनास्ट दीपा कर्माकर, पहलवान साक्षी मलिक, मुक्केबाज एम सी मैरीकौम के अलावा और भी खिलाडिय़ों की जिंदगी में झांंकने की कोशिश की जाएगी.‘‘हम ने अलगअलग खेलों के दिग्गज खिलाडिय़ों को इस शो में शामिल करने की कोशिश की है ताकि रोचकता बनी रहे.
हम ने उन की खेल जिंदगी के अलावा उन बातों को भी दिखाया है जिन से जनता अनजान है.’’इस का मकसद क्या है? पूछने पर वे कहते हैं, ‘‘बिना किसी लक्ष्य के हमारी जिंदगी कोई माने नहीं रखती और जब कोई हस्ती अपनी सकारात्मक बातों को सब से शेयर करती है तो उस का असर बहुत ज्यादा पड़ता है. इसी मकसद को ध्यान में रख कर यह शो तैयार किया है.’’इस तरह के कार्यक्रम शुरू होना देश के उन दर्शकों के लिए अच्छी बात है जो क्रिकेट के अलावा भी भारत में प्रचारित दूसरे खेलों में रुचि रखते हैं. जो बच्चे खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उन के लिए ऐसे कार्यक्रम मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं.
गौरतलब है कि अखाड़े से अपने प्रोफेशनल जीवन की शुरुआत करने वाले पहलवान और रिएलिटी टीवी स्टार संग्राम सिंह अब आजादी के बाद पहला एकल ओलंपिक पदक जीतने वाले पहलवान केडी जाधव पर फिल्म बनाने की तैयारी में भी हैं. संग्राम सिंह कहते हैंं, कुश्ती ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, इसलिए वे भी इस खेल को कुछ लौटाना चाहते हैं.
रोहतक के मदीना गांव में पैदा हुए संग्राम सिंह का बचपन कष्टों और बीमारियों से जूझते हुए बीता. इसके बावजूद उन्होंने शरीर को मजबूत बनाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. कुश्ती की शुरुआत में वे ग्रामीण खेल मेलों में जाकर दांव-पेंच आजमाते थे. उन्होंने मेलों में एक रुपये, दो रुपये और पांच रुपये की कुश्तियां लड़ीं. जीत से हौसला बढऩे पर प्रदेशभर में होने वाले मेलों में भाग लेकर बड़ी कुश्तियां जीतने लगे.
आशा है संग्राम सिंह सिंह ऐसे ही लगातार कामयाबी के शिखर छूते रहेंगे.