शिवालयों के कंकड़ वाले रास्तों पर नंगे पैर गुजरेंगे कांवड़िये
बरेली: सावन शुरू होने के बाद नाथनगरी के प्राचीन शिवालयों पर भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है लेकिन जिम्मेदार विभागों ने शहर के प्रमुख शिवालयों की ओर जाने वाले रास्तों को ठीक करने की सुध नहीं ली है। ऐसे में श्रद्धालुओं को खस्ताहाल रोड और पत्थर-कक्कड़ों के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है। जबकि, सावन में यहां बड़ी संख्या में कांवड़िये भी कछला सहित दूसरे जगहों से गंगाजल लेकर शिवमंदिरों में पहुंचकर मत्था टेकते हैं।
नाथनगरी होने की वजह से यहां शिव के तमाम प्रमुख व प्राचीन मंदिर हैं। सावन मास के दौरान इन मंदिरों में स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ कांवड़ यात्रा में शामिल बड़ी संख्या में भक्त भी इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं
इस बार ट्रंक सीवर लाइन, स्मार्ट सिटी परियोजना सहित तमाम दूसरे काम होने की वजह से ज्यादातर सड़कों की हालत खराब है। इसमें अधिकांश रोड या तो खुदी पड़ी है या फिर उनकी मरम्मत के नाम पर केवल मिट्टी-पत्थर आदि डालकर खानापूर्ति कर दी गई है। सावन में बड़ी संख्या में कांवड़िये कछला से गंगाजल लेकर बदायूं रोड होते हुए मढ़ीनाथ मंदिर में शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं।
अगाध श्रद्धा के केंद्र इस शिवालय में हर दिन बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी जलाभिषेक व पूजन करने मंदिरों में जाते हैं लेकिन बदायूं रोड पर शांति विहार की ओर से इस मंदिर की ओर जाने वाली सड़क की दशा बहुत ही खराब है। यह रोड जगह-जगह से उधड़ चुकी है और पत्थर फैले हैं। जलभराव की वजह से यहां लोगों को निकलने में काफी परेशानी हो रही है।
सुभाषनगर स्थित तपेश्वर मंदिर जाने वाली रोड की स्थिति तो ज्यादा खराब नहीं है लेकिन इस मंदिर में जाने के लिए श्रद्धालुओं को सुभाषनगर रेलवे पुलिया के नीचे से होकर गुजरना पड़ता है जहां जरा सी बारिश में ही जलभराव हो जाता है। ऐसे में भक्तों का निकलना तक दूभर हो जाता है। उधर, अलखनाथ मंदिर जाने वाली रोड पर सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। कुछ जगहों पर रोड खुदी पड़ी है लेकिन जहां सीवर लाइन बिछ गई है, वहां हॉटमिक्स रोड बनाने की जगह केवल मिट्टी डाल दी गई है। बजरी सड़क पर फैली होने से लोगों को परेशानी तो हो रही है। साथ ही नंगे पैर मंदिर में आने वाले कांवड़ियों के पैर भी इससे चुभ रहे हैं।