संसद में खुला जस्टिस यशवंत वर्मा के भ्रष्टाचार का पिटारा , 145 सांसदों ने महाभियोग के लिए स्पीकर को सौंपा लेटर
संसद के शिकंजे में जस्टिस वर्मा
केंद्र सरकार ने जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग की तैयारी तेज कर दी है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को 145 सांसदों ने महाभियोग चलाने के लिए याचिका सौंपी है, जिसमें राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, सुप्रिया सुले और केसी वेणुगोपाल जैसे प्रमुख सांसद शामिल हैं।
महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष को औपचारिक ज्ञापन सौंपा है. इसमें कांग्रेस, तेलगू देशम पार्टी (TDP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), जनता दल सेक्युलर (JDS), जनसेना पार्टी, असम गण परिषद (AGP), शिवसेना (शिंदे गुट), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), समाजवादी किसान पार्टी (SKP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) समेत कई दलों के सांसद शामिल हैं. नियमानुसार, महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा में 50 या लोकसभा में कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी है. हालांकि इसे पारित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी है.
जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से मिले थे जले हुए नोट
बता दें कि 15 मार्च 2025 को वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास से 500-500 रुपए के जले-अधजले नोट बरामद हुए थे. सांसदों का आरोप है कि इस घटना से न्यायपालिका की निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास को गंभीर ठेस पहुंची है.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा की
जस्टिस वर्मा को हटाने के सिलसिले में संसद में प्रस्ताव पेश करने के लिए 100 से ज्यादा सांसदों ने एक नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस तरह से जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए आवश्यक समर्थन हासिल हो गया है.दिल्ली में कल हुई सर्वदलीय बैठक के बाद रिजिजू ने कहा, “हस्ताक्षर प्रक्रिया जारी है. अभी तक 100 से अधिक सांसद पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं.” साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) को तय करना है कि महाभियोग से जुड़ा प्रस्ताव कब पेश किया जाएगा. किसी भी जज को हटाने के प्रस्ताव पर लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए. बताया जा रहा है कि यह प्रस्ताव लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है.