लखनऊ कमिश्नरी पर भारी, गांजा और सट्टा कारोबारी ।

लखनऊ ट्रांसगोमती मे चल रहा करोड़ों का काला कारोबार ।
लखनऊ:-राजधानी के ट्रांसगोमती मे पहाड़ी गांजा चिप्पड का कारोबार इस तरह फैला है की आप किसी भी क्षेत्र में 100या 120रुपये में एक पुड़िया आसानी से प्राप्त कर सकते हैं ।इस तस्करी में कितने जेल जाते हैं और छूट कर आने पर फिर अपना करोबार शुरू कर देते हैं ।कारण या तो इनको संरक्षण देने वाले खुद कानून के मुहाफिज़ हैं या सफेद पोश वर्ना इतनी सख्ती के बाद भी ये पहाड़ी गांजा राजधानी लखनऊ तक पहुंचाता कैसे है।सूत्र की मानें तो गांजे का कारोबार करने वाले गरीबों को चंद पैसे का लालच देकर 10या 20रुपये कमीशन पर गांजा बिकवाते हैं और पकड़े जाने पर गरीब तो जेल जाता है परंतु बड़े कारोबारी अपने शिकार मे किसी दूसरे गरीब को लालच देकर अपना उल्लू सीधा करने लगते हैं ।ट्रांसगोमती के मडियाव, जानकीपुरम, गुडम्बा, हसनगंज, विकास नगर,चिनहट,इन्दिरानगर आदि इलाके में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद भी गांजा और सट्टा कारोबारियो पर सख्त कानून व्यवस्था का कोई खास प्रभाव नही पड़ा ।इसी प्रकार सट्टा के कारोबार में गरीबों की गाढ़ी खून पसीने की कमाई सट्टा माफिया डकार रहे हैं ।इन्हें कमिश्नरी पुलिस का जरा भी ख़ौफ नही सुबह होते ही पर्चियो पर नम्बर बांटना शुरू हो जाता है सिंगल गिनती पर 10रुपये के 90रुपये और डबल गिनती पर 10रुपये पर800रुपये का लालच देकर सट्टा कारोबारी गरीबों की गाढ़ी कमाई तो चूस ही रहे हैं साथ ही युवाओं मे जुआ की लत डाल उनके उज्वल भविष्य को बर्बाद भी कर रहे हैं ।सट्टा माफियाओ का सिस्टम से ऐसा याराना है कि वाट्स ऐप न्यूज़ समूह मे कई बार वीडियो वायरल होने के बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई नही हुई ।सूत्र की माने तो मडियाव के नौबस्ता क्षेत्र मे पिछली दीपावली को छंग्गा नामक युवक की हत्या भी इसी सट्टा के कारोबार के कारण हूई थी जिसे पुलिस द्वारा पुरानी रंजिश का नाम देकर कई लोगो की गिरफ्तारी भी की गई थी ।सूत्रो की मानें तो दोनों कारोबार में चढावा ऊपर तक जाता है इसी कारण इनपर कोई नकेल नही कसी जाती ।आवश्यकता पड़ने पर मात्र प्यादे जेल जाते हैं कारोबारी अपना ठिकाना बदल लेते है ।कुछ भी हो ये कहना गलत नही होगा ,लखनऊ पुलिस  कमिश्नरी पर भारी, गांजा और सट्टा कारोबारी ।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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