कोरोना संकट के दौरान जिले में ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वसत

कोरोना संकट के दौरान जिले में ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वसत
बाराबंकी।कोरोना संकट के दौरान बाराबंकी जनपद के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाए पूरी तरह ध्वस्त नज़र आ रही है आलम यह है की ग्रामीण क्षेत्रो के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ नदारद है और अस्पताल के गेट पर लटका ताला ईलाज की आस लेकर आने वाले मरीजो को मुंह चिढ़ा रहा है।
बताते चले कि बाराबंकी जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र थलवारा की हैं। सूत्रों की माने तो पिछले कई महीनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के गेट पर ताला लगा है और यहां तैनात डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी दर्शन नही दे रहा है जिसके चलते ग्रामीणों को ईलाज के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र होने के बावजूद बीमार पड़ने की दशा में उन्हें काफी दूर जाकर प्राइवेट डॉक्टरों से ही अपना ईलाज कराना पड़ रहा है।
अस्पताल के आस पास फैली गंदगी और अस्पताल के रास्ते पर उग आयी बड़ी बड़ी जंगली झाड़ियां भी इस बात की गवाही दे रही है की इस रास्ते पर महीनों से इंसानों की चहलकदमी नही हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आये थलवारा निवासी उमेश कुमार ने भाग्योदय संदेश से बताया कि वो यहां दवा लेने यहां आये थे लेकिन अस्पताल में हमेशा की तरह आज भी ताला लगा हुआ है। ना डॉक्टर मौजूद है और ना ही अन्य स्टाफ की दवा भी मिल सके …अब मजबूरी में प्राइवेट डॉक्टर को दिखाने जा रहे है।वही इस संबंध में जब बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्रा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि कोविड -19 और लॉक डाउन को देखते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं और ओपीडी बंद थी लेकिन सरकार के आदेश आने के बाद करीब महीने भर पहले सभी सेवाएं दोबारा चालू कर दी गयी है ऐसे में अगर प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र में ताला पड़ा है तो ये गंभीर है। उन्होंने इस मामले में जांच करवा कर संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है ।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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