Gorakhpur-प्रापर्टी डीलर की मौतःभाजपा नेता को फोन करने पर पुलिस वालों ने मेरे पति को मार डाला*

न्यूज़ अप्डेट्स गोरखपुर* महानगर के होटल में पुलिस की पिटाई से कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष की मौत को लेकर मामला गरमा रहा है। पुलिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पति की मौत की खबर के बाद मंगलवार सुबह गोरखपुर पहुंची मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने कहा कि यह हादसा नहीं हत्या है। पुलिसवालों ने मेरे पति को पीट-पीट कर मार डाला है। मीनाक्षी ने पुलिसवालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की और बिना एफआईआर के पोस्टमार्टम होने से रोक दिया। इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों के निलम्बन की जानकारी देने के साथ ही एसएसपी ने कार्रवाई का भरोसा दिया, उसके बाद वह पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुईं। मीनाक्षी ने बताया कि उनके पति का मोबाइल गायब है। अभी तक उन्हें नहीं मिला है। मोबाइल पुलिसवालों के पास है, वह उसकी रिकार्डिंग भी डिलिट कर सकते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इसे लेकर भाजपा सरकार को घेरा और ट्वीट कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। 8 साल पहले वर्ष 2013 में उनकी मनीष से शादी हुई थी। मनीष रियल इस्टेट का काम करते थे। परिवार में बीमार ससुर के अलावा उनका 4 साल का एक बेटा अभिराज है। सास का पहले ही देहांत हो चुका है। मनीष की तीन बहने हैं, उनकी शादी हो चुकी है। मीनाक्षी ने बताया कि रात में फोन पर बात के बाद लगा कि शायद सबकुछ ठीक हो गया होगा, लेकिन भोर में करीब 5 बजे फोन पर पता चला मेरे पति अब इस दुनियां में नहीं है। इसके बाद हम लोग गोरखपुर पहुंचे।  पति की मौत की खबर मिलने के बाद अपने पिता और ससुर के साथ मीनाक्षी गुप्ता कानपुर से सीधे बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचीं। वहां पहले से भारी संख्या में पुलिस व पीएसी के साथ ही पुलिस अधिकारी मौजूद थे। मीनाक्षी ने पति की हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग शुरू कर दी। अधिकारियों ने उन्हें यह समझाने का प्रयास किया कि पोस्टमार्टम होने के बाद एफआईआर दर्ज होगी। लेकिन वह उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थीं। जिसके बाद इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों को निलम्बित करने की उन्हें जानकारी दी गई और अधिकारियों ने एसएसपी से उनकी बात कराई। एसएसपी ने हर संभव मदद का भरोसा दिया तब मीनाक्षी ने सहमित दी और ढाई बजे से पोस्टमार्टम कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू हुई।  *मीनाक्षी के दबाव के बाद हुआ निलम्बन का एक्शन* मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पोस्टमार्टम कराने से पहले अपनी तीन मांगें रखीं। पहली मांग थी पुलिसवालों पर कार्रवाई, दूसरी उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और तीसरी मांग थी कि मासूम बेटे के बारे में भी कुछ किया जाए। मनीष की मौत के बाद मीनाक्षी और उनके चार साल के बेटे के अलावा बीमार ससुर ही परिवार में बचे हैं। मनीष की कमाई से घर चलता था और पिता का इलाज होता था। तीन मांगों में पुलिस ने पहली मांग मान ली और निलम्बन की कार्रवाई कर दी। पोस्टमार्टम के बाद और जांच के आधार पर दूसरी मांग पूरी करने का भरोसा दिया।  *भाजपा नेता के पास फोन करने से चिढ़ गई थी पुलिस* मीनाक्षी ने बताया कि रात करीब 12.30 बजे मनीष ने उन्हें फोन कर बताया कि यहां होटल में पुलिस वाले आकर उन्हें परेशान कर रहे हैं। उनके भांजे भाजपा नेता हैं। पत्नी के कहने पर मनीष ने लखनऊ में भाजपा नेता दुर्गेश को फोन कर पुलिस की शिकायत की। बताया जा रहा है कि भाजपा नेता के पास फोन करने को लेकर पुलिसवाले और चिढ़ गए। उन्होंने कहा कि हम चेकिंग करेंगे। पति ने कहा कि हम आतंकवादी दिखते हैं क्या? इसके बाद तो उन्होंने कहा कि हम पूरा कमरा चेक करेंगे। जब उन्होंने पूरा चेक कर लिया और कुछ नहीं मिला तब मेरे पति ने कहा पूछ लिया संतुष्टि हो गई कि कुछ और बाकी है। इसके बाद पुलिसवाले चिढ़ गए और उन्होंने मेरे पति की खूब पिटाई की, वह जमीन पर गिर गए और खून बहने लगा। पुलिसवालों ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। काफी देर बाद वहां से बगल के हॉस्पिटल पर ले गए, वहां नहीं इलाज हुआ तो मेडिकल कालेज ले गए लेकिन वहां पहुंचे नहीं थे। रिकार्डिंग में है कि पिटाई हुई है। रात में कॉल कर कहा कि पुलिसवाले परेशान कर रहे हैं, मुझे लेकर जा रहे हैं। उन्होंने पिटाई की भी बात कही है जो कि मेरे मोबाइल की रिकार्डिंग में है। *रो-रोकर बोलीं मीनाक्षी- उजड़ गई मेरी दुनिया;* मीनाक्षी की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। वह रो रोकर कहती रही कि पति की मौत के बाद अब उनकी पूरी दुनियां ही उजड़ गई। अब वह कैसे क्या करेंगी। उधर, मीनाक्षी के मासूम बेटे को अभी यह भी नहीं पता कि उसके पिता इस दुनिया में नहीं हैं। मासूम अपनी मां को चुप करा रहा था तो कभी वह खुद भी मां को रोता देख रो रहा था। बीच-बीच अपने पिता के बारे में पूछ रहा था। मीनाक्षी ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराऊंगी। यहां केस नहीं दर्ज हुआ तो अपनी गुहार लेकर शासन तक जाऊंगी।

सुल्तानपुर से अत्रि कुमार पाठक की रिपोर्ट !

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