अमरीश गोयल, आदरणीय अम्मा के जन्मदिवस पर मैं नमन करता हूँ।

आपका भौतिक शरीर हमारे साथ नहीं है पर आपका आशीर्वाद और आत्मिक उपस्थिति मैं सदैव अनुभव करता हूँ।

आपकी याद में सभी बातें हमेशा ध्यान रहती हैं। त्याग, प्रेम और सद्भाव के संस्कार जो आपने जीवन भर जियें हैं वो आपके सभी बच्चों में भरें हैं।

अपने जन्म से सदैव ही मैंने आपको और हमारे कर्मयोगि बाऊजी को निस्वार्थ भाव से सबको प्यार करते ही देखा है। आप दोनों का स्वार्थ केवल इतना था कि जो कि सदैव हम सब आपके बच्चों की भलाई, ख़ुशियों और कल्याण में ही रहा।

अम्मा, मैं अपने सभी भावों का उल्लेख नहीं कर पाऊँगा, केवल प्रभु से ये प्रार्थना करता हूँ कि आपने जो संस्कार हमें दिये हैं वो आपके सभी बच्चों में सदैव बने रहें और आने वाली पीढ़ियाँ उन्हीं मूल्यों का पालन करते हुए उत्तम जीवन व्यतीत करें।

अमरीश गोयल

 

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