गंजे शकर का सदक़ा साबिर लूटा रहे हैं…
साबरी पाक के 750वें कुल शरीफ़ की रस्म बरेली में भी शानो शौक़त से अदा की गई, सिविल लाइन स्थित मस्जिद नोमहला दरगाह नासिर मियां में हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के कुल शरीफ़ में हिंदुस्तान में भाईचारे के लिये खुसूसी दुआँ के साथ साथ अवाम की सलामती तरक़्क़ी क़ामयाबी के लिये दुआँ हुई !
उर्से साबरी ए पाक के मौके पर जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी ने कहा कि सब्र का समुद्र हैं साबिर पाक उन्होंने दुनिया को दीन दुखियों की मदद करने की सीख दी हैं, जो अकीदतमंद क्लीयर शरीफ़ उर्से में नही पहुँच सके उन सभी अकीदतमंदों बरेली में अकीदत एतराम के साथ कुल शरीफ़ मनाया और शांति सौहार्द के लिये दुआँ माँगी। दरगाह नासिर मियां के खादिम सूफ़ी शाने अली कमाल मियां साबरी नासरी ने कहा कि हम सबको हज़रत साबिर पाक के पैग़ाम को आम करना चाहिये उन्होंने अपना लंगर गरीबों की भलाई के लिये किया और दीन दुखियों की हमेशा मदद की। बाद नमाज़े फजर कुरआन ए पाक की तिलाबत और सुबह 10 बजे उर्से साबिर ए पाक महफ़िल में मिलादे पाक हुई,महफिले समां में फ़नकारों ने साबरी पाक की शान और करामातों को बयां किया।रंग शरीफ़ की रस्म के बाद हज़रिने महफ़िल को साबरी लंगर का तबर्रुक तस्किम किया गया। इस मौके पर रिज़वान साबरी नन्ना,फहीम साबरी,दिलशाद साबरी कल्लन,सलीम साबरी,मुस्तक़ीम कुरैशी,बब्बू,जावेद,शाहिद,चाँद, शमशाद,इमरान,नसीम,गुड्डू,नूर मोहम्मद,सय्यदा रुबीना,सय्यदा शाज़िया आदि सहित बड़ी तादात में अकीदतमंदो ने कुल शरीफ़ में शिरकत की।