Pakistan के पूर्व राष्ट्रपति Pervez Musharraf को सजा-ए-मौत
#इस्लामाबाद. #पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति #परवेजमुशर्रफ (Pervez Musharraf) को राष्ट्रद्रोह के मामले में मौत की सज़ा सुनाई गई है.
पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को लंबे समय से चल रहे देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई. ये मामला 2007 में संविधान को निलंबित करने और देश में आपातकाल लगाने का है जो दंडनीय अपराध है. बेंच ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि उसने इस मामले में तीन महीने तक तमाम शिकायतों, रिकॉर्ड्स, जिरह और तथ्यों की जांच की और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के मुताबिक मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया है. उन पर संविधान से छेड़छाड़ का आरोप लगा है. मुशर्रफ पर ये हैं आरोप आपको बता दें कि 3 नवंबर 2007 को आपाताकाल की घोषणा के मामले में 2013 में मुशर्रफ पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया था. साल 2016 में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था, जिसके कारण इस मामले की सुनवाई में दिक्कतें आई और सुनवाई को कुछ दिनों के लिए रोकना पड़ा था. राजद्रोह के मामले में 19 नवम्बर को सुनवाई पूरी हो गई थी और आज सज़ा का ऐलान कर दिया गया. देश में आपातकाल की घोषणा करने, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को नजरंबद करने और 100 से ज्यादा जजों को बर्खास्त करने के मामले में मार्च 2014 में मुशर्रफ को दोषी ठहराया गया था. हॉस्पिटल में मुशर्रफ इन दिनों परवेज मुशर्रफ दुबई में हैं. उन्हें हार्ट और ब्लड प्रेशर संबंधी’ (Heart and blood pressure related) समस्या की शिकायत के बाद 3 दिसंबर को दुबई के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. 76 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को स्ट्रेचर पर हॉस्पिटल लाया गया था. परवेज मुशर्रफ साल 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे हैं. साल 2008 में वो देश छोड़ कर वापस चले गए थे. इसके बाद वो मार्च 2013 में पाकिस्तान लौटे थे