पुतिन दौरे पर यूरोपीय आलोचना: भारत नाराज़
📰 पुतिन के भारत दौरे से पहले भड़का कूटनीतिक विवाद: यूक्रेन युद्ध पर UK, फ्रांस, जर्मनी की टिप्पणी पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) कल, 4 दिसंबर को अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस हाई-प्रोफाइल दौरे पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी हैं, खासकर अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ (Tariffs) के बीच पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की मुलाकात को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खूब चर्चा है।
हालांकि, पुतिन के भारत आने से ठीक पहले, यूरोप से एक कूटनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भारत में यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और जर्मनी के राजदूतों (Envoys) ने यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) को लेकर पुतिन के दौरे पर सार्वजनिक तौर पर बयान दिया, जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है।
🚨 विदेश मंत्रालय का सख्त रुख
विदेश मंत्रालय ने तुरंत एक बयान जारी करते हुए यूरोपीय राजदूतों के इस कदम को ‘अत्यंत असामान्य’ बताया। मंत्रालय ने स्पष्ट कहा:
“यह बेहद असमान्य है। किसी तीसरे देश के साथ भारत के संबंधों पर सार्वजनिक तौर से टिप्पणी करना अच्छी कूटनीतिक प्रक्रिया नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
🇪🇺 यूरोपीय उच्चायुक्तों का विवादित लेख
दरअसल, फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ, जर्मनी के उच्चायुक्त फिलिप एकरमैन और ब्रिटेन के उच्चायुक्त लिंडी कैमरून ने एक लेख में पुतिन के भारत दौरे पर टिप्पणी की थी। इस लेख का शीर्षक था: ‘दुनिया चाहती है कि यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाए, लेकिन रूस शांति को लेकर गंभीरता से नहीं सोच रहा है।’
लेख में यूक्रेन पर हमले के लिए पुतिन की कड़ी निंदा की गई। राजदूतों ने लिखा कि ड्रोन और मिसाइल हमले शांति चाहने वाले किसी व्यक्ति की हरकतें नहीं हो सकते हैं, और यह रूस के निर्दयी होने का प्रतीक है।
यूरोपीय राजदूतों ने यह भी दोहराया कि तीनों देश नाटो (NATO) के सदस्य हैं और सैन्य समेत हर तरह से यूक्रेन को मजबूत समर्थन देते रहेंगे, क्योंकि पुतिन बार-बार शांति वार्ता में बाधा बन रहे हैं।

