ED का मुजफ्फरपुर में छापा, ₹83 लाख फ्रीज
Muzaffarpur Banking Fraud: सिम स्वैपिंग से PNB ग्राहकों के खातों में सेंध, 1.29 करोड़ की लूट पर ED का बड़ा एक्शन
मुजफ्फरपुर/पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के ग्राहकों के साथ हुई करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की पटना इकाई ने मुजफ्फरपुर में चार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर इस हाई-टेक बैंकिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं और 83 लाख रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया गया है।
कैसे हुआ 1.29 करोड़ का ‘सिम स्वैप’ घोटाला?
ईडी की जांच में एक बेहद जटिल ‘बैंकिंग धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग’ योजना का खुलासा हुआ है। अपराधियों ने PNB की जवाहरलाल मार्ग शाखा के दो ग्राहकों को निशाना बनाया:
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शिकार: दो ग्राहकों के चालू खातों (Current Accounts) से क्रमशः 1.07 करोड़ और 22.40 लाख रुपये उड़ाए गए।
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मोडस ऑपरेंडी (तरीका): शातिर अपराधियों ने ‘सिम कार्ड स्वैपिंग’ तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने पीड़ितों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों (जो बैंक अलर्ट के लिए जुड़े थे) को नकली पहचान पत्रों के जरिए धोखाधड़ी से बंद कराकर डुप्लीकेट सिम निकलवा ली।
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ऐसे लूटे पैसे: जैसे ही अपराधियों के पास डुप्लीकेट सिम का कंट्रोल आया, उन्होंने बैंक के टोल-फ्री नंबर पर मैसेज भेजकर इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय कर ली। इसके बाद करोड़ों की रकम को कई बैंक खातों में घुमाया गया।
कोलकाता कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग
जांच में पता चला कि लूटी गई रकम का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता के एटीएम (ATM) से नकद निकाला गया। इसके बाद, उस नकदी को ‘कैश डिपॉजिट मशीनों’ (CDM) के माध्यम से अपराधियों के विभिन्न अलग-अलग बैंक खातों में फिर से जमा कर दिया गया ताकि पैसों का स्रोत छुपाया जा सके।
ED की बड़ी कार्रवाई: 83 लाख फ्रीज
11 दिसंबर 2025 को हुई इस छापेमारी के बाद ईडी ने अपराधियों के बैंक खातों का पता लगाया और उनमें मौजूद 83 लाख रुपये की राशि को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया है। ईडी ने यह जांच मुजफ्फरपुर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज दो एफआईआर (FIR) के आधार पर शुरू की थी।
सावधानी की अपील
यह मामला ऑनलाइन बैंकिंग सुरक्षा में बड़ी सेंध को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आपका मोबाइल सिग्नल अचानक चला जाए या कोई अनजान व्यक्ति सिम अपडेट करने के लिए कहे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और बैंक को सूचित करें।
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