अंतर्राज्यीय सिरप तस्करी पर ED की कार्रवाई
💊 कोडीन कफ सिरप तस्करी रैकेट पर ED का शिकंजा! लखनऊ, वाराणसी समेत 6 शहरों में 25 ठिकानों पर छापेमारी
लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लखनऊ आंचलिक कार्यालय ने देश भर में फैले कोडीन-आधारित कफ सिरप (Codeine-based Cough Syrup) के अवैध व्यापार और डायवर्जन से जुड़े बड़े सिंडिकेट पर शिकंजा कसा है। ED ने 12 और 13 दिसंबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA, 2002) के प्रावधानों के तहत एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
यह छापेमारी लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर (यूपी), रांची (झारखंड) और अहमदाबाद (गुजरात) समेत छह शहरों में आरोपियों और उनके सहयोगियों के 25 आवासीय और कार्यालय परिसरों पर की गई।
🚨 30 FIRs के आधार पर शुरू हुई जाँच
ED ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा NDPS अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज 30 एफआईआर (FIR) के आधार पर अपनी जाँच शुरू की। इन एफआईआर में एक सुनियोजित, बहुस्तरीय आपराधिक सिंडिकेट के अस्तित्व का आरोप लगाया गया था।
सिंडिकेट का संचालन:
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अवैध खरीद और भंडारण: सिंडिकेट कोडीन-आधारित कफ सिरप की बड़ी मात्रा में अवैध खरीद और भंडारण में शामिल था।
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दस्तावेज़ों की हेराफेरी: आरोपियों ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से बड़ी मात्रा में सिरप प्राप्त किया, फिर कई फर्जी फर्में बनाईं, धोखाधड़ी से लाइसेंस प्राप्त किए, और नकली रिकॉर्ड बनाए।
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डायवर्जन: इस स्टॉक को गैर-चिकित्सीय और नशीले पदार्थों के उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया जाता था।
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अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय तस्करी: आरोप है कि सिंडिकेट इस दवा की तस्करी नेपाल और बांग्लादेश तक कर रहा था।
💸 मनी लॉन्ड्रिंग का तरीका: फर्जी फर्मों से फंड रूटिंग
जाँच में पता चला कि इस अवैध व्यापार से अर्जित substantial धनराशि (Proceeds of Crime) को छिपाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया गया था।
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सिंडिकेट द्वारा उत्पन्न बड़ी मात्रा में आय को पहले फ्रंट संस्थाओं (Front Entities) के बैंक खातों में जमा किया जाता था।
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इसके बाद, फंड को स्तरित (Layered) किया जाता था और कई लेन-देन के माध्यम से अंततः उन संस्थाओं और खातों में भेजा जाता था जो मुख्य आरोपियों के नियंत्रण में थे।
📝 PMLA के तहत कार्रवाई, दस्तावेज़ जब्त
PMLA, 2002 की धारा 17 के तहत की गई इस तलाशी के दौरान, ED ने आरोपियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों से PMLA जाँच से संबंधित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़ और रिकॉर्ड बरामद कर जब्त किए हैं। ये दस्तावेज़ सिंडिकेट की कार्यप्रणाली और वित्तीय लेनदेन को समझने में सहायक होंगे।
ED की यह कार्रवाई अवैध दवा व्यापार के वित्तीय आधार को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका सीधा असर युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर पड़ सकता है।
आगे की जाँच प्रगति पर है।
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