ED: अनिल अंबानी की ₹1120 Cr. संपत्ति अटैच
₹1,120 करोड़ की संपत्ति कुर्क: अनिल अंबानी ग्रुप पर ED का बड़ा एक्शन; Yes Bank फ्रॉड केस में 10,117 करोड़ रुपये की कुल कुर्की
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह (Reliance Anil Ambani Group) से जुड़े एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ED ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) / यस बैंक (Yes Bank) फ्रॉड केस के संबंध में ₹1,120 करोड़ से अधिक की संपत्तियां, फिक्स्ड डिपॉजिट और शेयरहोल्डिंग अस्थायी रूप से कुर्क की हैं।
इस नई कुर्की के बाद, अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के बैंक धोखाधड़ी मामलों में ED द्वारा कुर्क की गई संचयी (Cumulative) संपत्ति का कुल मूल्य अब ₹10,117 करोड़ तक पहुंच गया है।
कुर्क की गई संपत्तियों का विवरण
ED द्वारा अस्थायी रूप से कुर्क की गई ₹1,120 करोड़ की संपत्तियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- Reliance Infrastructure Limited (RIL): 7 संपत्तियां।
- Reliance Power Limited: 2 संपत्तियां।
- Reliance Value Service Private Limited: 9 संपत्तियां और फिक्स्ड डिपॉजिट।
- अन्य कंपनियों के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और अनकोटेड इन्वेस्टमेंट में शेयरहोल्डिंग।
धोखाधड़ी और ‘पब्लिक फंड’ का दुरुपयोग
ED की जांच में सामने आया है कि अनिल अंबानी समूह की विभिन्न कंपनियों (जैसे RCOM, RHFL, RCFL, RIL, R-Power) ने सार्वजनिक धन का फर्जी तरीके से दुरुपयोग और डायवर्जन किया।
Yes Bank से जुड़ाव:
- निवेश: 2017 से 2019 के दौरान, Yes Bank ने RHFL इंस्ट्रूमेंट्स में ₹2,965 करोड़ और RCFL इंस्ट्रूमेंट्स में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया था।
- NPA: दिसंबर 2019 तक, ये सभी निवेश नॉन-परफॉर्मिंग इन्वेस्टमेंट (NPI) बन गए थे।
- फंड का मार्ग: ED जांच से पता चला है कि RHFL और RCFL को ₹11,000 करोड़ से अधिक का सार्वजनिक फंड प्राप्त हुआ था। Yes Bank के निवेश से पहले, Yes Bank को रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड से भारी फंड मिला था। SEBI के नियमों के तहत ‘हितों के टकराव’ (Conflict-of-Interest) से बचने के लिए, पब्लिक म्यूचुअल फंड का पैसा सीधे अनिल अंबानी समूह की फाइनेंस कंपनियों में नहीं लगाया जा सकता था। इसलिए, फंड को Yes Bank के माध्यम से घुमावदार रास्ते (Circuitous Route) से अनिल अंबानी समूह की कंपनियों तक पहुंचाया गया।
RCOM फ्रॉड: ₹40,185 करोड़ का बकाया
ED RCOM (रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड) और अनिल अंबानी सहित अन्य के खिलाफ CBI द्वारा दर्ज FIR के आधार पर भी जांच कर रही है।
- बकाया ऋण: RCOM और उसकी समूह कंपनियों ने 2010-2012 के बाद से घरेलू और विदेशी ऋणदाताओं से ऋण लिया था, जिसमें से कुल ₹40,185 करोड़ अभी भी बकाया है। 9 बैंकों ने समूह के ऋण खातों को ‘धोखाधड़ी’ (Fraud) घोषित किया है।
- लोन का डायवर्जन: जांच में पता चला कि एक संस्था द्वारा एक बैंक से लिए गए ऋण का उपयोग दूसरी संस्थाओं द्वारा अन्य बैंकों से लिए गए ऋणों के पुनर्भुगतान (Repayment) के लिए किया गया।
- ‘एवरग्रीनिंग’ (Evergreening): RCOM ने ₹13,600 करोड़ से अधिक की राशि को ऋणों के ‘एवरग्रीनिंग’ के लिए डायवर्ट किया।
- फंडिंग का दुरुपयोग: ₹12,600 करोड़ से अधिक जुड़े हुए पक्षों (Connected Parties) को डायवर्ट किए गए, और ₹1,800 करोड़ FD/MF में निवेश किए गए, जिन्हें बाद में समूह की संस्थाओं को भेजने के लिए परिसमाप्त (liquidated) कर दिया गया।
ED वित्तीय अपराधियों का सक्रिय रूप से पीछा कर रही है और अपराध की आय (Proceeds of Crime) को उनके सही दावेदारों को वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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