तीन दिनों से मूसलाधार बारिश के कारण नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट, बचाव कार्य तेज

तीन दिनों से मूसलाधार बारिश के कारण नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट, बचाव कार्य तेज

Nanded News. जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। कई तहसीलों में बारिश का जोर अधिक रहा। इसके चलते विष्णुपुरी परियोजना क्षेत्र में बारिश और विसर्ग दोनों बढ़ गए हैं। परियोजना के ऊपरी हिस्से में सिद्धेश्वर और येलदारी बांध भर गए हैं और उनका विसर्ग भी तेज कर दिया गया है। परिणामस्वरूप, विष्णुपुरी बांध के 8 गेट खोलकर 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अब विसर्ग बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार क्यूसेक किया जाएगा। जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने नांदेड़ शहर और नदी किनारे बसे गांवों के नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बेहद जरूरी कार्य को छोड़कर घर से बाहर न निकलें।

प्रशासन का रेस्क्यू अभियान मुखेड़ तहसील में लेंडी बांध क्षेत्र और कर्नाटक के लातूर व बीदर तहसीलों में भी भारी बारिश हुई। नांदेड़ जिले के मुक्रमाबाद मंडल में 206 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके चलते रावनगांव, हसनाल, भिंगोली और भासवाड़ी गांवों में पानी भर गया। रावनगांव : 225 लोग फंसे, जिनमें 4 नागरिक मस्जिद की छत पर और 8 पेड़ों पर शरण लिए हुए थे। हसनाल : 8 लोग टावर पर चढ़कर बाढ़ से बच रहे थे। भिंगोली : करीब 40 लोग पानी में फंसे हुए थे।

राजस्व विभाग, एसडीआरएफ और पुलिस सुबह से ही राहत कार्य में जुटी रही। सेना की एक टीम भी मौके पर पहुंची। अब तक 80–100 नागरिकों को निकालने का कार्य जारी है। पाँच लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है।

“बाढ़ देखने न जुटें” – प्रशासन जिला प्रशासन ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अनावश्यक न जाएँ, न ही सेल्फी लेने के लिए नदी या झरनों के पास उतरें। विष्णुपुरी परियोजना से पानी का बहाव बढ़ने पर स्थिति बिगड़ सकती है। इस संबंध में तेलंगाना सिंचाई विभाग और बीदर–लातूर के जिलाधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है।

किसानों को बड़ा नुकसान चार दिन बाद आने वाले पोला त्यौहार से पहले ही प्राकृतिक आपदा ने किसानों को तबाह कर दिया है। खेतों में 3–4 फीट पानी भर गया है, जिससे खरीफ की फसलें बर्बाद हो गईं। लाखों रुपये मूल्य का पशुधन बह गया। लोहा तहसील के प्रभाकर शिंदे का बछड़ा नाले में बहा। हंगरगा के धनराज कालेवर का बैल गाद में फंसकर मरा। हदगांव के सुरेश पवार की गाय पर बिजली गिरने से मौत हुई। हरडफ के पंडित वाठोरे की दो बकरियां और चार बछड़े बहे। भेंडेवाड़ी के भीमराव जायभाये की भैंस बाढ़ में डूब गई। कई गांवों में बकरियां, मुर्गियां और भैंसें बह गईं। नेताओं की नाराज़गी भारी बारिश से लेंडी बांध प्रभावित गांवों में सैकड़ों लोग फंसे हैं। सांसद रवींद्र चव्हाण ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि प्रशासन युद्धस्तर पर बचाव क्यों नहीं कर रहा। उन्होंने तुरंत बचाव व पंचनामा शुरू करने का निर्देश जिलाधिकारी को दिया। इसी तरह, सांसद डॉ. अजित गोपछडे ने भी जिलाधिकारी, तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर हर नागरिक तक तत्काल मदद पहुंचाने का आदेश दिया। भोकर तहसील में 607 मिमी बारिश 15 और 16 अगस्त को भोकर तहसील में 607 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे कई नहरें उफान पर आ गईं और नदी किनारे की जमीन बह गई। कपास, सोयाबीन, ज्वार, अरहर, उड़द, मूंग और मक्का जैसी खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ। तहसीलदार काशीनाथ डांगे और कृषि अधिकारी दिलीप जाधव ने टीम के साथ प्रभावित गांवों का दौरा कर फसलों का निरीक्षण किया और पंचनामा करने के आदेश दिए।

ब्यूरो चीफ आल राइट्स मैगज़ीन

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