ड्रग विभाग ने मांगा सात जिलों का रिकॉर्ड

नारकोटिक व कोडीन सीरप की अवैध बिक्री पर ड्रग विभाग सख्त, सात जिलों से रिकॉर्ड तलब

बरेली। नारकोटिक और कोडीन युक्त कफ सीरप की संदिग्ध खरीद-फरोख्त को लेकर ड्रग विभाग जांच तेज कर चुका है। विभाग उन फर्मों की सप्लाई चेन का पता लगाने में जुटा है, जिन्होंने इन प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की है। इसी सिलसिले में सात जिलों के खाद्य निरीक्षकों से रिकॉर्ड भेजने को कहा गया है। फर्मों को खरीद-बिक्री के बिल और बाउचर उपलब्ध कराने के लिए तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है।

इससे पहले 15 नवंबर को भी विभाग ने कई फर्मों पर छापेमारी कर करीब 45,000 रुपये के कोडीन युक्त सीरप की बिक्री रोक दी थी। जांच में सामने आया कि फर्में यह स्पष्ट नहीं बता पा रही हैं कि उन्होंने यह दवाएं किससे खरीदीं और किन उपभोक्ताओं या दुकानों को बेचीं।

हालिया कार्रवाई के दौरान गली नवाबान और शास्त्री मार्केट जैसे प्रमुख थोक दवा बाजारों में भारी अफरा-तफरी का माहौल रहा।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने 15 नवंबर को मैसर्स पवन फार्मास्युटिकल (गली नवाबान), मैसर्स वन फार्मास्युटिकल (मॉडल टाउन) और मैसर्स एक्सट्रीम हेल्थ सॉल्यूशन (गली नवाबान) पर चेकिंग की थी।

ड्रग विभाग ने न सिर्फ बिक्री रोकी, बल्कि यह भी अनिवार्य किया है कि फर्में पूरी सप्लाई चेन का रिकॉर्ड दें—यानी किससे दवा खरीदी गई और आगे किन डीलरों या दुकानदारों को बेची गई।

सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने पवन फार्मास्युटिकल से जब रिकॉर्ड मांगा, तो पता चला कि बिक्री रामपुर, पीलीभीत, हाथरस, मुरादाबाद, बदायूं, अलीगढ़ और सहारनपुर के दुकानदारों को दिखाई गई है। विभाग ने इन सभी जिलों के खाद्य निरीक्षकों से सत्यापन रिपोर्ट मांगी है कि फर्म द्वारा दिखाई गई बिक्री वास्तविक है या नहीं।

उधर, एक्सट्रीम हेल्थ सॉल्यूशन फर्म बंद होने के कारण उससे दस्तावेज नहीं मिल पाए हैं।
सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि संदीप कुमार ने बताया कि पूरा मामला गंभीर है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।

 

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