Diwali festival : पांच पर्वों का महापर्व दीपावली
भारत त्योहारों का देश माना जाता है साल भर मे कई त्योहार मनाए जाते हैं उनमें सबसे प्रमुख त्योहार दिवाली को माना जाता है जिसकी तैयारियां एक महीना पहले से ही शुरू हो जाती हैं घरों की साफ सफाई ,रंग रोगन करवाना ,नए कपड़े बनवाना, खरीदारी करना यह सब दशहरा से ही शुरू हो जाता है दीपावली का त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें हर दिन अलग-अलग देवताओं की पूजा अलग-अलग तरीके से की जाती है ।
धनतेरस –धनतेरस के दिन से दिवाली की शुरुआत हो जाती है और दिए जलाने की भी। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है जिन्हें आरोग्य का देवता तथा सभी देवताओं का चिकित्सक माना जाता है चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में किसी भी नई खोज की शुरुआत इसी दिन से की जाती है धनतेरस के दिन सोने चांदी या अन्य धातु की वस्तुएं खरीदी जाती हैं व्यापारी अपने नए बही खाते बनाते हैं इस दिन दक्षिण दिशा में एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए जिससे यम का भय नहीं रहता तथा दीर्घायु प्राप्त होती है संध्या के समय दीपदान करना चाहिए ।
छोटी दीपावली –यह नरक चतुर्दशी तथा रूप चौदस के नाम से भी जानी जाती है इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर तेल और लेप लगाकर स्नान करने से रूप और सौंदर्य बढ़ता है। इस दिन घर में जरा भी कचरा और टूटी फूटी चीजे नहीं रखनी चाहिए शाम को दिए जलाने चाहिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए इस दिन श्री कृष्ण जी ने अत्याचारी असुर नरकासुर का वध किया था और 16000 कन्याओं को उसके बंदी गृह से मुक्त करवाया था इस उपलक्ष में दीप सजाए जाते हैं तथा यमराज के नाम पर दीपदान करने की भी प्रथा है।
दीपावली –इस दिन श्री राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके 14 साल का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे इसी खुशी में हर घर में घी के दिए जलाए गए थे मिठाइयां बाँट कर खुशियां मनाई गई थी यही परंपरा आज भी चलती आ रही है इस दिन घरों की सजावट की जाती है रंगोली बनाई जाती है फूलों से सजाया जाता है तथा शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा की जाती है जिसमें खील बताशे दूध सिक्के फल और फूलों का उपयोग किया जाता है लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं मिठाई खिलाते हैं तथा तोहफे आदि दिए जाते हैं इस दिन लक्ष्मी जी का घर में आगमन होता है ।
गोवर्धन पूजा –( अन्न कूट )दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है गोबर से लेप करके अल्पना बनाकर पूजा करते हैं श्री कृष्ण जी ने इंद्र का अभिमान दूर करने के लिए इंद्र की पूजा की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा की शुरुआत की थी तथा इंद्र के प्रकोप से बृजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी पर उठा लिया था इस दिन कच्चा खाना कढ़ी चावल खिचड़ी मूंग आदि का भोग लगाया जाता है जगह-जगह भंडारे किए जाते हैं ।
भाई दूज –(यम द्वितीया) कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज का त्यौहार मनाते हैं इस दिन बहनें अपने भाई को भोजन के लिए अपने घर आमंत्रित करते हैं तथा उनके माथे पर रोली और अक्षत का टीका करके उनकी दीर्घायु और उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं यम और यमुना दोनों सूर्य देव और छाया की संतान है ऐसी मान्यता है कि जो भी भाई बहन भाई दूज के दिन एक साथ यमुना में डुबकी लगाते हैं उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है ।
दीपावली खुशी प्रेम और उल्लास का त्यौहार है इस इस दिन शराब और जुआ जैसी बुराइयों से दूर रहना चाहिए तथा पटाखे आदि का प्रयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए जिससे किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके तथा खुशियां बरकरार रह सके ।
कोमल निहालानी
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़