जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने शनिवार को तहसील नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम मधुनगला स्थित वृहद गौ संरक्षण केन्द्र का औचक निरीक्षण किया।
बरेली। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने शनिवार को तहसील नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम मधुनगला स्थित वृहद गौ संरक्षण केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गौशाला की व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए।
पिछले दिनों गौशालाओं में मिली अनियमितताओं को लेकर डीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी थी। उसी का असर इस निरीक्षण में साफ दिखाई दिया। गौशाला में साफ-सफाई संतोषजनक पाई गई। गौवंशों को हरा चारा, भूसा और पीने के पानी की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थी। सभी बर्तन साफ-सुथरे रखे गए थे और बीमार तथा स्वस्थ गायों को अलग-अलग रखने की व्यवस्था की गई थी।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने जानकारी ली कि गौशाला में कुल कितनी गायें आश्रित हैं। इस पर खंड विकास अधिकारी ने बताया कि यहां 350 गायों की क्षमता है, जबकि वर्तमान में 417 गायें रह रही हैं, जिनमें से 219 दुधारू हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी गौवंशों को समय पर उच्च गुणवत्ता का भोजन और साफ पानी उपलब्ध कराया जाए।
डीएम ने उपजिलाधिकारी नवाबगंज को स्पष्ट आदेश दिए कि वह सप्ताह में कम से कम एक बार गौशाला का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान मृत गौवंश के निस्तारण को लेकर भी जिलाधिकारी ने दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी गाय की स्वाभाविक मृत्यु होती है तो उसे गहरे गड्ढे में नमक डालकर ही दफनाया जाए, ताकि जंगली जानवर या कुत्ते शव को बाहर न निकाल सकें।
जिलाधिकारी ने यह भी घोषणा की कि अब जनपद की सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके जरिए गायों की देखभाल, चारे की स्थिति और साफ-सफाई की निगरानी होगी। उन्होंने मौके पर मौजूद गोपालकों को निर्देशित किया कि गायों को समय पर चारा दिया जाए और स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखा जाए।
निरीक्षण के अंत में डीएम ने खुद गौशाला की गायों को गुड़ और चने खिलाए। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर गौशाला की व्यवस्थाओं पर उनकी राय जानी।
इस दौरान उपजिलाधिकारी नवाबगंज उदित पवार, खंड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान और अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
प्रशासन की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि गौशालाओं की व्यवस्थाओं में और अधिक सुधार आएगा और आश्रित गौवंशों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट