दिल्ली प्रदूषण: बिना PUC वाहनों पर मौन

दिल्ली की हवा में ‘जहर’ और सड़कों पर लापरवाही: बिना PUC दौड़ रहे 30 लाख वाहन, परिवहन विभाग के दावों की खुली पोल

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदूषण फैलाने वाले मुख्य कारकों यानी वाहनों पर लगाम कसने में विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की सड़कों पर करीब 30 लाख वाहन बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) के दौड़ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि परिवहन विभाग की इसी ढिलाई के कारण आज दिल्ली में सांस लेना दूभर हो गया है।

आंकड़ों की जुबानी: साल-दर-साल घट रही सख्ती

साल 2025 अब समाप्ति की ओर है, लेकिन प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में इस साल भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति चिंताजनक लगती है:

वर्ष जारी किए गए PUCC की संख्या
2022 54.73 लाख
2023 52.30 लाख
2024 49.32 लाख
2025 (अब तक) 45.46 लाख

पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक 3.86 लाख कम पीयूसी सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। साल खत्म होने में महज 15 दिन बचे हैं, ऐसे में इस अंतर को पाट पाना नामुमकिन नजर आ रहा है।

30 लाख वाहन बन रहे ‘साइलेंट किलर’

दिल्ली में वर्तमान में लगभग 75 लाख ऐसे वाहन हैं जिनकी तय समय सीमा (Life) बची हुई है। इनमें से केवल 45 लाख वाहनों के पास ही वैध PUCC है। शेष 29,81,795 वाहन बिना किसी जांच के दिल्ली की हवा में धुआं छोड़ रहे हैं। प्रशासन की इसी हीला-हवाली के चलते अब सरकार को बिना PUCC वाले वाहनों के ईंधन (Fuel) पर प्रतिबंध लगाने जैसे कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं।

10,000 का चालान, फिर भी बेखौफ चालक

परिवहन विशेषज्ञ और परिवहन विभाग के पूर्व उपायुक्त अनिल छिकारा का कहना है कि नियमों में 10,000 रुपये के भारी चालान का प्रावधान होने के बावजूद लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने साफ कहा:

“वाहन चालकों को लगातार यह एहसास होना चाहिए कि बिना पीयूसीसी के वे बच नहीं पाएंगे। जब तक प्रवर्तन एजेंसियां (Enforcement Agencies) सड़क पर सख्ती नहीं दिखाएंगी, तब तक सुधार मुमकिन नहीं है।”

परिवहन विभाग की भूमिका पर सवाल

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी जिन एजेंसियों पर है, उन्होंने इस साल बेहद सुस्त रवैया अपनाया है। यदि समय रहते इन 30 लाख वाहनों की जांच की गई होती और अवैध रूप से चल रहे वाहनों को सड़क से हटाया गया होता, तो आज दिल्ली की स्थिति इतनी विस्फोटक नहीं होती।


खबरें और भी:-

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: