Delhi News : बदमाशों का पीछा करते जांबाज हेड कांस्टेबल पुलिस अफसर को कार ने मारी टक्कर, मौक़े पर ही उनकी मौत

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने रविवार को अपना एक जांबाज सिपाही खो दिया. बीते सोमवार शाम करीब साढ़े 5 बजे दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम को जानकारी मिली थी कि कुछ हथियार तस्कर गाजियाबाद से दिल्ली लाने वाले हैं.

 इस जानकारी के आधार पर सेल की टीम ने एक i-10 कार का पीछा करना शुरू किया, जिसमें हथियार तस्कर मौजूद थे. हेड कांस्टेबल राजपाल कसाना भी अपने साथी मोहित के साथ बाइक से उस कार का पीछा कर रहे थे. बदमाशों की कार यूपी गेट से होते हुए निजामुद्दीन और उसके बाद बारापुला तक आ गई. राजपाल और मोहित बाइक से पीछा कर रहे थे तभी अचानक पीछे आ रही एक कार ने बाइक को टक्कर मार दी. राजपाल और मोहित दोनों गिर गए. बदमाश भी फरार हो गए और वह कार भी जिसने टक्कर मारी थी. दोनों कांस्टेबल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां शनिवार को हेड कांस्टेबल राजपाल कसाना की इलाज के दौरान मौत हो गई.

शहीद हेड कांस्टेबल को अंतिम विदाई देने खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर पहुंचे. स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुमार कुशवाहा ने बताया कि हेड कांस्टेबल राजपाल कसाना बड़े ही बहादुर पुलिस कर्मी थे.

राजपाल कसाना 12 साल से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात थे. हाल ही में उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला था. इतना ही नहीं, अभी उनका नाम एक और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए गया हुआ था. राजपाल कासना के दो बेटे हैं. पुलिस की मानें तो शहीद राजपाल कासना दिल्ली पुलिस के कई बड़े ऑपरेशन में शामिल रहे हैं. इस जांबाज की मौत के चलते पूरे महकमे को बड़ा सदमा लगा है.

फिल्मी तर्ज पर अपहरण की साजिश

फरीदाबाद में फिल्मी तर्ज पर 12वीं क्लास के नाबालिग छात्र ने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली.  इस साजिश में उसका साथ तीन अन्य नाबालिग छात्रों ने दिया जो उसके दोस्त थे. इन छात्रों ने अपहरण के बदले परिजनों से उसी के फोन से चार लाख की फिरौती मांगी लेकिन क्राइम ब्रांच ने परिजनों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करते हुए 48 घंटे में चारों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया. बाहर घूमने और मस्ती करने के लिए ही इन छात्रों ने यह प्लान बनाया था.

फिल्मी तर्ज पर हुए नाबालिग छात्र के अपहरण के मामले का खुलासा करते हुए डीसीपी एनआईटी ने बताया कि बीते 16 जनवरी को एनआईटी फरीदाबाद के रहने वाले छात्र के परिजनों ने शिकायत दी थी कि उनका बेटा शाम को ट्यूशन पढ़ने गया था लेकिन वह घर नहीं लौटा. बाद में उक्त छात्र के मोबाइल फोन से चार लाख की फिरौती की डिमांड की गई जिस पर क्राइम ब्रांच की दो टीमों का गठन किया गया. उन्होंने बताया कि शुरू में पहली बार फिरौती की रकम दिल्ली बदरपुर बार्डर पर मांगी गई थी लेकिन वहां कोई भी पैसे लेने नहीं आया. इसके बाद फिरौती की रकम मांगने के लिए दिल्ली और नोएडा की अलग अलग लोकेशन पर पैसों को देने के फोन आए लेकिन डर के मारे कोई भी पैसे लेने नहीं आया.

आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद 48 घंटों के अंदर इस मामले से पर्दा उठाते हुए क्राइम ब्रांच ने दो छात्रों को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया. वहीं एक छात्र को एनआईटी फरीदाबाद से और एक छात्र को मेट्रो ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया गया. डीसीपी ने बताया की फिल्मों और सीरियल देखकर इन नाबालिगों ने अपहरण की साजिश रची थी और इस पैसे से सभी बाहर जाने और अय्याशी करने वाले थे.

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