साइबर सरगना महेश शेट्टी को ईडी ने गिरफ्तार किया

🚨 हड़कंप: 5000 डॉलर तक की ठगी! करोड़ों का काला साम्राज्य ध्वस्त

चंडीगढ़/पंचकूला (एक्सक्लूसिव रिपोर्ट): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंटरनेशनल साइबर क्राइम के एक बड़े रैकेट का पर्दाफ़ाश करते हुए पंचकूला के आईटी पार्क से एक प्रमुख अपराधी को गिरफ्तार किया है।

मैसर्स सर्टिज़ेप इनोवेशंस (OPC) प्राइवेट लिमिटेड नामक फ़र्ज़ी कॉल सेंटर का मालिक, महेश चंद्रशेखर शेट्टी, 29.11.2025 को PMLA के सख्त प्रावधानों के तहत ED की गिरफ्त में आया है। उस पर अमेरिका के भोले-भाले नागरिकों को ठगने और फिर हवाला के ज़रिए करोड़ों रुपये का धन शोधन (Money Laundering) करने का आरोप है।

ठगी का हाई-टेक तरीका: ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ स्कैम

यह रैकेट अमेरिका को निशाना बना रहा था, जहाँ से मोटी रकम वसूली जा रही थी।

  • नकली पहचान: आरोपी खुद को Netflix, Amazon, Spectrum, AT&T जैसी अमेरिकी कंपनियों का नुमाइंदा बताते थे।

  • टेक्निकल जाल: VoIP डायलर और रिमोट-एक्सेस टूल्स का इस्तेमाल कर लोगों को झूठी तकनीकी समस्याओं में फंसाया जाता था।

  • वसूली: हर शिकार से $100 से लेकर $5,000 तक की बड़ी राशि Zelle, Bitcoin और CashApp के ज़रिए धोखाधड़ी से भारत भेजी जाती थी।

ईडी की जांच में सामने आया कि शेट्टी इस गैरकानूनी धंधे को अपने साथियों—सुश्री सुरभि दुहान, ऋषभ दुहन और राहुल चूकर—के साथ मिलकर बिना किसी DoT लाइसेंस के चला रहा था।


🚫 काले धन को सफेद करने का षड्यंत्र

गिरफ्तारी के बाद, माननीय विशेष न्यायालय, पंचकूला ने शेट्टी को 7 दिन की ED रिमांड पर भेजा है, ताकि इस पूरे वित्तीय अपराध की तह तक जाया जा सके।

ईडी की जांच में धन शोधन की परतें खुल गईं:

  • नकद रूट: विदेश से आया अपराध का आगम (POC) हवाला नेटवर्क के माध्यम से नकद रूप में भारत लाया गया।

  • काले को सफेद बनाना (Layering): महेश शेट्टी ने इस पैसे को अपने व्यक्तिगत खातों, अपनी फर्म मैक एंड क्रिस एंटरप्राइजेज और अपनी माँ, श्रीमती शालिनी शेट्टी, के बैंक खातों के माध्यम से घुमाकर लेयरिंग की।

  • अंतिम उपयोग: यह अवैध धन बाद में आलीशान संपत्ति खरीदने, महंगी कारें खरीदने और व्यक्तिगत ऐशो-आराम में लगाया गया।

ईडी ने थर्ड-पार्टी फर्मों से जुड़े कई संदिग्ध लेन-देन की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल धन के अवैध स्रोत को छिपाने के लिए किया गया था। जांच में अब तक करोड़ों रुपये के POC की पुष्टि हो चुकी है।

इस अंतर्राष्ट्रीय रैकेट में शामिल हर व्यक्ति और संस्था की पड़ताल जारी है।


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