CWG 2018 – पहले दिन दिखा इंडियन वेटलिफ्टर्स का जौहर, भारत के चानू- गुरूराजा ने गोल्ड और सिल्वर मेडल पर किया कब्जा

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भारत ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में 5 अप्रैल को अपने अभियान का आगाज करते हुए, भारत ने वेटलिफ्टिंग में सुबह सिल्वर मेडल जीत पदक तालिका में खाता खोला था, दिन के आगे बढ़ने के साथ ही इंडियन वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने भी महिलाओं की 48 किलोग्राम भार वर्ग स्पर्धा में सोने का तमगा हासिल किया । बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट शहर में काफी रंगारंग कार्यक्रमों के साथ 21 वें कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 की शुरूआत हुई।

 

कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले ही दिन भारत के वेटलिफ्टर्स अपने रंग में दिखे । गुरूवार के दिन की शुरूआत होते ही भारत के लिए पहले गुरुराजा पुजारी ने 56 किलोग्राम (मेंस) कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। गुरुराजा ने कुल 249 किग्रा का वजन उठाने के बाद सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इसके साथ ही भारत की महिला वेटलिफ्टर चानू ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

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स्नैच में 86 का स्कोर किया और क्लीन एंड जर्क में 110 स्कोर करते हुए, कुल 196 स्कोर के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। स्पर्धा का सिल्वर मेडल मॉरिशस की मैरी हैनित्रा के नाम रहा ।चानू ने दोनों कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. चानू ने ग्लास्गो में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर मेडल जीता था।

 

. गुरुवार को ही वेटलिंफ्टिग में ही गुरुराजा ने इन खेलों का पहला पदक दिलाया था. वह पुरुषों की 56 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे थे । जबकि मलेशिया के मोहम्मद एएच इजहार अहमद ने गोल्ड अपने नाम किया। वहीं, श्रीलंका के चतुरंगा लकमल को कांस्य पदक मिला। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सुखन डे ने 56 किग्रा (मेंस) कैटेगरी में गोल्ड जीता था। उन्होंने कुल 248 किग्रा का वजन उठाया था।

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आपको बता दें कि गुरुराजा कर्नाटक के रहने वाले हैं और उनके पिता ट्रक ड्राईवर हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी उनके परिवार ने उन्हें वो हर चीज दिलाई, जो उनके इस गेम को बेहतर बनाने के लिए जरूरी थी। 25 साल के गुरुराजा पुजारी ने 56 किलोग्राम (मेंस) कैटेगरी में कुल 249 किग्रा (स्नैच में 111 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 138 किग्रा) वजन उठाया। गुरुराजा ने स्नैच की पहली कोशिश में 107 किग्रा भार उठाया। फिर उन्होंने 111 किग्रा भार उठाने की कोशिश की, लेकिन फाउल कर गए। तीसरी कोशिश में उन्होंने 111 किग्रा भार उठाया।

इसी तरह, क्लीन एंड जर्क की पहली कोशिश में 138 किग्रा भार ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए। दूसरी कोशिश में भी 138 किग्रा भार ऑप्ट किया, लेकिन इस बार भी वह फाउल कर गए। हालांकि, तीसरी और आखिरी कोशिश में उन्होंने 138 किग्रा का वजन उठाकर सिल्वर पक्का कर लिया। इस कैटेगरी में 12 देशों ने हिस्सा लिया था।

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