पोंजी स्कीम ‘My Club Traders’ पर शिकंजा

ED Action: ‘My Club Traders’ पोंजी स्कैम पर ईडी का बड़ा एक्शन; कोच्चि में 3.78 करोड़ की संपत्ति कुर्क, क्रिप्टो के नाम पर फंसाया

कोच्चि/केरल | न्यूज़ डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कोच्चि जोनल ऑफिस ने निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले ‘माई क्लब ट्रेडर्स’ (My Club Traders) पोंजी स्कीम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। ईडी ने इस घोटाले के मुख्य आरोपियों मुहम्मद फैसल, अबू सुफियान और उनके सहयोगियों की 3.78 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क (Attach) कर ली हैं।

क्रिप्टो के नाम पर ‘पिरामिड स्कीम’ का मायाजाल

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ‘माई क्लब ट्रेडर्स’ के जरिए मासूम निवेशकों को झांसा देते थे। वे लोगों को क्रिप्टोकरेंसी और अन्य व्यापारिक उपक्रमों में निवेश का फर्जी सपना दिखाते थे। निवेशकों को लुभाने के लिए ऐसे वादे किए जाते थे जो व्यावहारिक रूप से असंभव थे:

  • अवास्तविक रिटर्न: निवेश की गई राशि पर हर वर्किंग डे 1% लाभ का वादा।

  • बाइनरी कमीशन: नए निवेशकों को स्कीम से जोड़ने पर 10% कमीशन का लालच।

  • पिरामिड मॉडल: यह पूरी तरह से मनी सर्कुलेशन स्कीम थी, जहां नए निवेशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को भुगतान किया जाता था।

कैश कलेक्शन और शेल कंपनियों का खेल

जांच में पाया गया कि पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने सारा पैसा कैश (नकद) के रूप में इकट्ठा किया। इस अवैध धन (Proceeds of Crime) को वैध दिखाने के लिए उन्होंने M/s Princess Gold and Diamonds LLP और M/s Toll Deal Ventures LLP जैसी शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया और इनसे अचल संपत्तियां खरीदीं।

क्या-क्या हुआ कुर्क?

कुर्क की गई 3.78 करोड़ की संपत्तियों में शामिल हैं:

  • कृषि योग्य भूमि (Agricultural Land)

  • आवासीय परिसर (Residential Premises)

  • कमर्शियल जमीन और उस पर बना ऑफिस भवन

  • आरोपियों और उनकी कंपनियों के नाम पर मौजूद बैंक खाते

केरल पुलिस की FIR से शुरू हुई जांच

इस घोटाले की जांच केरल पुलिस द्वारा दर्ज की गई विभिन्न एफआईआर (FIR) के आधार पर शुरू हुई थी। पुलिस ने धोखाधड़ी और जनता से अवैध रूप से भारी जमा राशि एकत्र करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका को देखते हुए ईडी ने जांच अपने हाथ में ली।

छापेमारी में मिले थे अहम सबूत

बता दें कि इस साल 4 जून 2025 को ईडी ने 5 ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस दौरान कैश कलेक्शन के रिकॉर्ड वाली डायरियां, निवेशकों का विवरण, वित्तीय लेनदेन के दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे, जिनसे इस बड़े घोटाले की पुष्टि हुई।


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