हाथरस में भ्रष्टाचार ने की हदें पार, जिन्दा शख्स को मुर्दा और मुर्दा शख्स को बताया जिन्दा

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में भ्रष्टाचार का ऐसा मामला सामने आया जिसमें सराकारी अधिकारियों ने एक जिन्दा शख्स को मुर्दा और मुर्दा शख्स को जिन्दा कर दिया है । जी हां, देश में चाहें प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी हो या प्रदेश में अदित्य नाथ योगी ये दोनों मिल कर भी भारत से भ्रष्टाचार मिटाने और अधिकारियों के जनता के लिये कार्य करने की बातें कह लें, लेकिन सरकारी मशीनरी पर इसका कोई असर नही पड़ता है। सरकारी व्यवस्था की लापरवाही का एक नजारा हाथरस की सादाबाद तहसील में देखने को मिला यहां एक वृद्ध खुद को जिन्दा मानने की गुहार करता नजर आया।

दरअसल सादाबाद तहसील में एक बुजुर्ग उपजिलाधिकारी से खुद को जिन्दा करने की बाट कह रहा है, तहसील के गांव मढ़ा भोज का रहने वाला ओमप्रकाश पुत्र रघुवीर सिंह को सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है। योगी सरकार द्वारा किसानों के लिये की गयी एक लाख की माफी का उसे फायदा नहीं मिला क्यूंकि सरकार मृतक का कर्जा तो माफ नहीं करेगी, तब से लेकर अब तक ओमप्रकाश सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा लगा कर थक गया है, कोई तो उसकी फरियाद सुने और उसे जिन्दा कर दें, ताकि उसे योगी सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ मिल सके।

तहसील में अपनी शिकायत लेकर आये ओमप्रकश का कहना है कि ग्राम प्रधान और लेखपाल ने मिल कर अपने निजी फायदे के लिये उसे सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया है, वो उपजिलाधिकारी से गुहार लगा रहा है कि उसे कागजों में जिन्दा कर दें ताकि वो भी योगी सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ ले सके।

अब देखना यह होगा कि सरकारी अफसर इसे अपने कागजों में कब जिन्दा कर पायेगें 24 मार्च को ओमप्रकाश ने तहसीलदार सादाबाद को अर्जी दे कर सरकारी कागजों में जिन्दगी मांगी थी पर उसकी इस अर्जी पर अभी तक कोई सुनावाई नहीं हो सकी अब उसने उपजिलाधिकारी से सरकारी अभिलेखों में जिन्दगी मांगी है। उपजिलाधिकारी जय प्रकाश का कहना है कि उनके पास शिकायत आई है जांच कर उचित कार्यवाही की जायेगी।

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