जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कह डाली बड़ी बात
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से विपक्ष के सुर तीखे हो गए हैं। कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष सरकार को शक भरी निगाहों से देख रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे देश का सियासी पारा हाई गया है।एक चेनल को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा, ‘धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार करके सरकार के साथ अपनी सीमा पार कर ली थी, इससे सरकार और उनके बीच रिश्ते खराब हो गए थे।’
जगदीप धनखड़ आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे हैं जब तक कि उन्हें 2019 में मोदी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नहीं चुना गया, जहां उन्होंने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. साल 2022 में जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पदोन्नत किया गया. मगर हाल ही में सरकार को लगा कि वह उन मुद्दों पर बोलकर अपनी सीमा से बाहर जा रहे हैं, जिन पर उनका अधिकार नहीं था. इसका प्रमुख उदाहरण जस्टिस यशवंत वर्मा मामले के प्रकाश में आने के बाद NJAC जैसी संस्था को बहाल करने के लिए उनका ‘अभियान’ था. उन्होंने इस मुद्दे पर राज्यसभा में सदन के नेताओं से भी मुलाकात की.
मोदी सरकार अगले उपराष्ट्रपति के रूप में एक वफादार भाजपा नेता को प्राथमिकता देगी क्योंकि वह राज्यसभा में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती, जहां संख्या बल नाज़ुक है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अन्य सीनियर कैबिनेट मंत्रियों में से किसी एक या राज्यसभा के सीनियर भाजपा सांसदों में से किसी एक जैसे कई नाम चर्चा में हैं. अगले उपराष्ट्रपति को पूरे पांच साल का कार्यकाल मिलेगा. 60 दिनों के भीतर नया उपराष्ट्रपति चुनना अनिवार्य है.