ड्राइवरों में कैंसर के लक्षण, हड़कंप
MP में सड़क सुरक्षा पर बड़ा अलर्ट: भोपाल-इंदौर रोड के हर चौथे ड्राइवर की आंखें कमजोर, 10 चालकों में कैंसर के लक्षण
भोपाल: मध्य प्रदेश के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक, भोपाल-इंदौर रोड पर वाहन चालकों की सेहत को लेकर हुए स्वास्थ्य परीक्षण में बेहद चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। भोपाल ट्रैफिक पुलिस द्वारा आयोजित इस जांच शिविर की रिपोर्ट ने सड़क सुरक्षा और यात्रियों की जान को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैंसर और मोतियाबिंद की चपेट में ड्राइवर
ट्रैफिक पुलिस की स्क्रीनिंग के दौरान कुल 219 ड्राइवरों (बस, टैक्सी और ऑटो) की जांच की गई, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी चौंकाने वाली विसंगतियां मिलीं:
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मुंह का कैंसर: 10 ड्राइवरों में फर्स्ट स्टेज (प्रारंभिक चरण) के मुंह के कैंसर के लक्षण मिले हैं।
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आंखों की समस्या: करीब एक चौथाई (25%) ड्राइवर विजन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
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मोतियाबिंद: 15 ड्राइवरों में मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षण पाए गए, जो तेज रफ्तार ड्राइविंग के दौरान बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।
सड़क सुरक्षा के लिए ‘रेड सिग्नल’
भोपाल-इंदौर रूट पर हर घंटे 5 से 6 हजार चौपहिया वाहनों की आवाजाही होती है। एसीपी ट्रैफिक विजय दुबे ने बताया कि कई चालक गंभीर बीमारी के बावजूद लगातार वाहन चला रहे हैं। बीमारी के कारण होने वाली एकाग्रता की कमी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण बन रही है। इसी को देखते हुए पुलिस ने यह मानवीय पहल शुरू की है।
जांच रिपोर्ट के मुख्य आंकड़े (Health Scorecard)
| जांच का प्रकार | मुख्य निष्कर्ष |
| आंखों की जांच | 50 ड्राइवरों को आई ड्रॉप्स दी गईं, 25 को चश्मा लगाने की सलाह। |
| डेंटल चेकअप | 78% ड्राइवरों को दांतों के इलाज की जरूरत; हर 7वां ड्राइवर RCT श्रेणी में। |
| रेफरल केस | 23% चालकों को आगे के इलाज या चश्मे के लिए रेफर किया गया। |
| कैंसर स्क्रीनिंग | 10 मामलों में मुंह के कैंसर के लक्षण। |
पुलिस की मानवीय पहल: केवल चालान नहीं, अब इलाज भी
सड़क सुरक्षा को केवल नियमों और चालान तक सीमित न रखते हुए, भोपाल पुलिस अब इन बीमार चालकों का उपचार भी करवा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के ड्राइवर रोजाना सैकड़ों यात्रियों की जिम्मेदारी उठाते हैं, ऐसे में उनकी आंखों की कमजोरी या दांतों का असहनीय दर्द किसी बड़े हादसे का सबब बन सकता है।
अगला कदम: पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह जांच अभियान शनिवार को भी जारी रहेगा ताकि अधिक से अधिक चालकों की स्क्रीनिंग की जा सके और अनफिट ड्राइवरों को सड़क पर उतरने से रोका जा सके।
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