बरेली। जोगीनवादा का वह इलाका जो कभी कांवड़ यात्रा को लेकर तनाव का केंद्र बना था, इस बार गंगा-जल भरने निकले कांवड़ियों पर फूल बरसाकर सौहार्द की मिसाल बन गया।

बरेली। जोगीनवादा का वह इलाका जो कभी कांवड़ यात्रा को लेकर तनाव का केंद्र बना था, इस बार गंगा-जल भरने निकले कांवड़ियों पर फूल बरसाकर सौहार्द की मिसाल बन गया। रविवार को मोहल्ला गोसाईं गौटिया से रवाना हुए कांवड़ जत्थे का नजारा ऐसा था, जिसने नफरत की दीवारों को गिरा दिया और भाईचारे की मिसाल पेश की।

साल 2023 में जब यही जत्था शाहनूरी मस्जिद के पास पहुंचा था तो माहौल बिगड़ गया था। पथराव और तनाव के चलते इलाके को संवेदनशील घोषित करना पड़ा।

2024 में भी पुलिस को कड़ी सुरक्षा के बीच कांवड़ यात्रा निकालनी पड़ी। मगर इस बार तस्वीर बिल्कुल अलग रही। पुलिस और प्रशासन की पहल पर दोनों समुदायों के बीच संवाद हुआ, समझौता हुआ और तय हुआ कि अब त्योहार नफरत नहीं, मोहब्बत के बीच मनेंगे

सड़क किनारे खड़े होकर किया फूलों से स्वागत

रविवार को पार्षद बनवारी लाल शर्मा की अगुवाई में कांवड़ यात्रा कछला के लिए रवाना हुई। यात्रा जब पहले की तरह ही शाहनूरी मस्जिद के पास से गुजरी तो इस बार कोई तनाव नहीं बल्कि सड़क किनारे खड़े लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। मुस्कुराते चेहरे और जयकारों की गूंज ने यह साबित कर दिया कि जोगीनवादा अब बदल चुका है।

पुलिस रही मुस्तैद, निगरानी रही सख्त

हालांकि एहतियातन पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात रहा। पूरे रूट पर ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई। लेकिन जरूरत नहीं पड़ी किसी सख्ती की, क्योंकि लोगों ने खुद आगे बढ़कर शांति और भाईचारे का परिचय दिया

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

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