बरेली रामगंगा चोबारी मेला में लाखो लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया।

सुरक्षा और सरंक्षा का दावा करने वाली भारतीय रेलवे का खतरनाक सफर करने को लोग आज भी मजबूर है . कार्तिक पूर्णिमा होने की वजह से ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है आलम ये है की जितने लोग ट्रेन के अंदर है उतने ही ट्रेन के ऊपर है . इस खतरनाक सफर को करने में लोगो को कोई आनंद नहीं आ रहा लेकिन करे भी तो क्या कोई और उपाय भी तो नहीं है . इसी वजह से लोग जान जोखिम में डालकर मौत का सफर करने को मजबूर है . बरेली की राम गंगा पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी लाखो लोगो ने श्रद्धा की डुबकी लगाईं . और जान जोखिम में डालकर भारतीय रेल का सफर किया .

दरअसल रेलवे जानते हुए भी हर वर्ष मेला के लिए कोई ख़ास इंतजाम नहीं करता है और यही वजह है की लोग जान जोखिम में डालते है . रेलवे की इस लापरवाही की वजह से कभी भी कोई बड़ा हदशा हो सकता है ऐसा लगता है मानो  रेलवे के अफसर किसी बड़े हादसे का इंताजर कर रहे है . गाड़ी नंबर 54361 बांदीकुई से बरेली आने वाली इस ट्रेन में मौत के सफर को रोकने वाला कोई नहीं था, न तो रेल प्रशासन ही इसको रोकने को जहमत उठा रहा था और न ही जीआरपी आरपीएफ

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