बरेली-गरीब शक्ति दल के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए भारत सरकार से देश के प्रत्येक जिले में न्यायिक विशेष जांच दल (Judicial SIT) गठित करने की मांग की।

बरेली-गरीब शक्ति दल के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए भारत सरकार से देश के प्रत्येक जिले में न्यायिक विशेष जांच दल (Judicial SIT) गठित करने की मांग की।

संगठन का कहना है कि पुलिस थानों और न्यायालयों में बदले की भावना से झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, जिनसे आम जनता, खासकर गरीब और बेगुनाह लोग, न्याय से वंचित हो रहे हैं।

संगठन के प्रमुख मनोज विकट ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार गृह मंत्रालय, सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग भारतीय कैदियों और बंदियों को कई मौलिक अधिकार प्रदान करते हैं। बावजूद इसके, हजारों-लाखों गरीब और निर्दोष कैदी आज भी जेलों में लंबी हिरासत और मानसिक उत्पीड़न झेल रहे हैं।

कई कैदी एचआईवी और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय एनएससीपी योजना का क्रियान्वयन जेलों के अंदर और बाहर दोनों जगह विफल साबित हो रहा है।

मनोज विकट ने यह भी कहा कि देश में बाल्यावस्था से युवावस्था तक नागरिकों में बढ़ती दुष्कर्म प्रवृत्ति पर सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956/1986 के उल्लंघन के कारण देशभर में वैध-अवैध रेड लाइट एरिया, बार क्लब और सेक्स पर्यटन स्थलों का सैलाब फैल चुका है, जो समाज में “दुष्कर्म की पाठशालाओं” की तरह कार्य कर रहे हैं।

संगठन की मांग है कि ऐसे सभी स्थलों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए और सरकार नैतिक शिक्षा व सामाजिक सुधार के लिए ठोस कदम उठाए।

गरीब शक्ति दल ने इस संबंध में एक मांग पत्र भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए डीएम बरेली को सौंपा।

ज्ञापन देने वालों में मनोज विकट, रंजीत सिंह, मुन्ना अहमद, तस्लीम सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

बरेली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: