बरेली: गड्ढे, सूखे पौधे; बदहाल शहर की छवि
शहर का एंट्री पॉइंट बदहाल: लाल फाटक पर ‘मौत का गड्ढा’ और मिनी बाइपास पर सूखते पौधे; जिम्मेदार कौन?
बरेली: जिस शहर में प्रवेश करते ही यात्री शहर की छवि बनाते हैं, वहाँ की एंट्री प्वाइंट वाली सड़कें और डिवाइडर बदहाली की कहानी कह रहे हैं। लाल फाटक पर डेढ़ फुट गहरा गड्ढा वाहन चालकों को इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर मजबूर कर रहा है, जिससे दुर्घटना की आशंका हर समय बनी रहती है। वहीं, मिनी बाइपास समेत शहर के प्रमुख डिवाइडरों पर लगे पौधे सूख चुके हैं, जिससे शहर का सौंदर्य धूमिल हो रहा है।

नागरिकों का सीधा सवाल है: इन समस्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है और इनका समाधान कब होगा?
⚠️ लाल फाटक: बार-बार मरम्मत, फिर भी गड्ढा
लाल फाटक फ्लाइओवर से रामगंगा की तरफ उतरते ही कंधरपुर गांव के पास यह गड्ढा वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है।
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समस्या: यह गड्ढा इतना गहरा है कि खासकर रात में यह बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
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अस्थायी समाधान: पिछले चार महीनों में यहाँ तीन बार गड्ढे भरवाए जा चुके हैं, लेकिन स्थायी सुधार नहीं हो सका है।
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मूल कारण: संबंधित विभाग ने स्वीकार किया है कि नाला से पानी की निकासी ठीक नहीं है, जिसके कारण बार-बार सड़क क्षतिग्रस्त हो रही है।
🌱 मिनी बाइपास: सूखे पौधे और बेलों की अनदेखी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहर के एंट्री प्वाइंट की सड़कों और डिवाइडरों की स्थिति सुधारने के लिए विशेष अभियान चलवाने के निर्देश दिए थे। जिला अधिकारी अविनाश सिंह ने भी पंद्रह दिवसीय अभियान के दिशा निर्देश जारी किए हैं, लेकिन धरातल पर कहीं कोई हलचल दिखाई नहीं पड़ रही है।
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डिवाइडरों की स्थिति: मिनी बाइपास पर लगाए गए पौधे अब पेड़ बन चुके हैं और उनकी छंटाई कई सालों से नहीं हुई है।
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लापरवाही: डिवाइडर की पेंटिंग तो कराई गई है, लेकिन पौधों की बेलें पोलों पर लिपटी हुई हैं।
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बरेली-मथुरा रूट: इस रूट पर अधिकांश पौधे सूख गए हैं, और डिवाइडर की पेंटिंग महीनों से नहीं हुई है।
🔍 जिम्मेदार कौन? (The Responsible Departments)
जांच में सामने आया है कि शहर के एंट्री प्वाइंट पर सड़क और डिवाइडरों पर सुधारात्मक कार्य की मुख्य जिम्मेदारी नगर निगम और यातायात पुलिस की है। शहरी क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी (PWD) की सड़कों के डिवाइडरों पर भी नगर निगम ही सुरक्षात्मक कार्य कराता है।
संबंधित अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अगर लाल फाटक पर गड्ढा दोबारा हो गया है तो जल्द ही उसकी मरम्मत कराई जाएगी, लेकिन नागरिक स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
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